प्रयागराज(www.arya-tv.com) संघ प्रमुख मोहन भागवत का यज्ञभूमि संगम पर आना कोई नई बात नहीं है। वर्ष 2019 में लगे कुंभ मेले के दौरान भी फरवरी माह में ही प्रयागराज आए थे।
इस दौरान विहिप शिविर में आयोजित संत सम्मेलन में संतों की मौजूदगी में उन्होंने अयोध्या में श्री राम मंदिर का निर्माण जल्द शुरू हो इसका संकल्प भी लिया।
अब जब अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू हो चुका है तो माना यही जा रहा है कि संघ प्रमुख ने शुक्रवार को संकल्प पूर्ति के लिए मां गंगा का आभार जताया। साथ ही अपने अगले महत्वपूर्ण कार्य के रूप में गंगा के निर्मलीकरण का भी संकल्प लिया।
दरअसल अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर के शिलान्यास के बाद संगम की रेती पर उनका यह पहला कार्यक्रम रहा। इसके पूर्व वह नवंबर 2020 में भी आए थे। तब उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अखिल भारतीय कार्यकारिणी मंडल पूर्वी उत्तर प्रदेश की बैठक में शिरकत की थी।
यूं तो पिछले चार दशक से गंगा के निर्मलीकरण का काम हो रहा है, लेकिन केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद इस कार्य में तेजी आई है। नमामि गंगे के तहत भी गंगा निर्मलीकरण का कार्य चल रहा है, लेकिन अब संघ की मंशा है कि इस कार्य में और तेजी आए।
इसी वजह से संघ के अनुषांगिक संगठन गंगा समग्र ने प्रयागराज में गंगा के निर्मलीकरण को लेकर दो दिवसीय बैठक आयोजित की। बैठक के दूसरे दिन गंगा के निर्मलीकरण में तेजी कैसे आए उसकी रणनीति संघ प्रमुख भागवत की मौजूदगी में बनेगी। संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि राम मंदिर निर्माण के लिए होने वाले तमाम आंदोलनों का केंद्र बिंदु प्रयागराज ही रहा है।