45 घंटे का मौनव्रत, खाना तक नहीं खाएंगे; PM मोदी की कड़ी तपस्या शुरू,

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(www.arya-tv.com)  45 घंटे की कड़ी तपस्या, न खाना खाएंगे और न बोलेंगे, सिर्फ नारियल का जूस और तरल आहार लेंगे…यह प्रण लिया है देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने, जो 3 दिन की आध्यात्मिक यात्रा पर चले गए हैं। 4 जून को लोकसभा चुनाव 2024 की मतगणना से ठीक पहले PM मोदी की यह संकल्प पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। वे बीते दिन कन्याकुमारी पहुंचे और रॉक मेमोरियल पहुंचे।

वे तिरुवनंतपुरम से कन्याकुमारी हेलिकॉप्टर में पहुंचे और सड़क के रास्ते ध्यान मंडपम रॉक मेमोरियल तक गए। यहां सबसे पहले उन्होंने भगवती देवी अम्मान मंदिर के दर्शन किए। अपना संकल्प शुरू करते हुएअर्चना की। इस दौरान उन्होंने साउथ इंडिया में पहनी जाने वाली पारंपरिक ड्रेस सफेद मुंडु पहनी, जो लुंगी की तरह पहनी जाती है। दक्षिण भारत की प्रतीक शॉल ओढ़ा। इस दौरान वे काफी शांत नजर आए।

2 हजार पुलिस कर्मियों ने संभाली सुरक्षा

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 3 दिन प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा का जिम्मा 2 हजार पुलिस कर्मी ने उठाया है। 3 दिन के लिए रॉक मेमोरियल और इसके आस-पास के टूरिस्ट प्लेस को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है। पुलिस जवानों के अलावा ड्रोन से एरिया की निगरानी की जाएगी। कोस्टल सिक्योरिटी टीम, कोस्ट गार्ड और इंडियन नेवी समुद्र के बीच से प्रधानमंत्री मोदी की निगरानी करेगी।

पूरा मंडपम इतनी कड़ी सुरक्षा में है कि परिंदा भी पर नहीं मार पाएगा। मछुआरों और नौकायन करने वालों को भी समुद्र तट तक आने की परमिशन नहीं होगी। बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 के समय भी आखिरी चरण का चुनाव प्रचार खत्म होते ही वे केदारनाथ चले गए थे, जहां करीब 17 घंटे वे रुद्र गुफा में ध्यान में लीन हुए थे।

शिला पर बैठकर ध्यान लगाएंगे PM मोदी

बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी उस शिला पर बैठकर ध्यान लगाएंगे, जिस पर बैठकर 1892 में स्वामी विवेकानंद ने मेडिटेशन किया था। रॉक मेमोरियल और भी कई कारणों से खास है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इसी स्थान पर मां पार्वती ने एक पैर पर खड़े होकर ध्यान लगाया था और भगवान शिव का आह्वान किया था। कन्याकुमारी देश का दक्षिणी किनारा है, जहां भारत का पूर्वी और पश्चिमी तट मिलता है। यहां बंगाल की खाड़ी, अरब और हिंद महासागर का मिलन भी होता है।