(www.arya-tv.com) मणिपुर में 3 मई से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच जारी हिंसा को 63 दिन हो गए। राज्य में हालात अभी भी गंभीर बने हुए हैं। मंगलवार को थोउबल जिले में भीड़ ने भारतीय रिजर्व बटालियन के कैंप पर हमला कर दिया और हथियार चुराने की कोशिश की।
इस दौरान भीड़ और सुरक्षाबलों के बीच झड़प हो गई। हथियारों से लैस भीड़ ने ओपन फायर किया, जिसके जवाब में सेना को गोली चलानी पड़ी। 27 साल के एक शख्स की मौत हो गई, जबकि असम राइफल्स का जवान गोली लगने से घायल हो गया।
अधिकारियों ने बताया कि भीड़ ने कैंप तक आने वाले कई रास्तों को ब्लॉक कर दिया, जिससे अतिरिक्त सुरक्षाबल वहां न पहुंच सके। लेकिन फोर्सेस किसी तरह आगे बढ़ पाईं। इस बीच भीड़ ने जवानों की गाड़ी को भी आग लगा दी।
3 जुलाई को कुकी नेता के घर में लोगों ने आग लगा दी थी
3 जुलाई को चुराचांदपुर के सोंगपी में कुछ अज्ञात लोगों ने कुकी नेशनल ऑर्गेनाइजेशन के प्रवक्ता सेलेन हाओकिप के घर को आग लगा दी। सोमवार को कांगपोकपी इलाके में हिंसा की कई घटनाएं दर्ज हुईं। सूत्रों के मुताबिक, सोमवार सुबह फाइलेंग गांव में गोलियां चलीं।
हम मणिपुर के लोगों को शरण देना जारी रखेंगे, वहां हालात खराब हैं: मिजो सीएम
मणिपुर के पड़ोसी राज्य मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने मंगलवार को कहा कि हमारे यहां लगभग 15 हजार लोग शरण लिए हुए हैं। हम आने वाले समय में भी मणिपुर के लोगों को शरण देना जारी रखेंगे।
जोरमथांगा ने कहा कि 3 मई के बाद से मणिपुर में अब तक कुछ भी नहीं बदला है। मणिपुर में हर दिन हालात बिगड़ रहे हैं। वहां के लोगों से हमारा खून का रिश्ता है, हम उन्हें मुसीबत में नहीं छोड़ सकते।