मिर्जापुर के 350 गांवों में पानी का कहर, जानवरों और बच्चों को बचाने में जुटे ग्रामीण

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मिर्जापुर जिला इस समय भीषण बाढ़ की चपेट में है. करीब 350 गांव बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं. गांव-गांव जाकर जब जमीनी हालात को समझा, तो तस्वीरें चिंताजनक नजर आईं. बाढ़ की पड़ताल करने के लिए सदर तहसील के मल्लेपुर गांव में तमाम ग्रामीणों से बात कर उनकी समस्याओं की जानकारी ली.

ग्रामीणों ने बताया कि पशुओं को बाहर सुरक्षित रखा गया है, वहीं उनका चारा गांव में है. लोग उसे किसी तरह बहते पानी में चलकर वहां से ला रहे हैं. एक ग्रामीण ने बताया पशुओं को ऊपर की ओर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है. उनका चारा भी किसी तरह पानी से बचाकर रखा गया है, अब उसी को लेने जाना पड़ता है.

बाढ़ के पानी में उतरकर दूध ले जाने का काम कर रहे कुछ लोग

वहीं गांव के कुछ लोग, जो दूध का काम करते हैं, वह बाढ़ के पानी में उतरकर दूध ले जाने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा बच्चों के लिए दूध जरूरी है, इसलिए उन्हें यह जोखिम उठाना पड़ रहा है. एक व्यक्ति ने बताया बकरी को ऊपर के स्थान पर बांधा है, अब उसे चराने ले जाना है. पानी में जाना पड़ता है, पर क्या करें?

इस गांव में SDRF की टीम भी तैनात है, जो राहत व बचाव कार्य में लगी हुई है. SDRF के डिप्टी कमांडर एम.के. तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रशासन के निर्देशों के तहत हम लगातार राहत और रेस्क्यू का काम कर रहे हैं. प्रशासन के साथ मिलकर हम पूरी मेहनत से काम में जुटे हैं.

हालात अभी सामान्य होने में वक्त लगेगा- SDRF

फिलहाल मिर्जापुर में SDRF की एक टीम काम कर रही है जिसमें 25 जवान तैनात हैं, जबकि दूसरी टीम विंध्याचल क्षेत्र में राहत कार्य में लगी हुई है. SDRF का कहना है कि हालात अभी सामान्य होने में वक्त लग सकता है लेकिन प्रशासन और SDRF की टीमें लगातार जुटी हुई हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को राहत पहुंचाई जा सके.