वाजिदपुर गांव में लेफ्टिनेंट कर्नल द्वारा फौजियों के साथ अपने ताऊ के मकान में तोड़फोड़ करने के मामले में सेना ने भी कार्रवाई शुरू कर दी है. पहले सेना के मुख्यालय की ओर से तोड़फोड़ की घटना की वीडियो मांगी गई और उसके बाद मेरठ सेना पुलिस ने कोतवाली पहुंचकर इस मुकदमे के अभिलेख प्राप्त किए और घटना स्थल का निरीक्षण किया,वहीं सेना पुलिस ने गांव के लोगों के बयान भी लिए.
19 मई को जम्मू कश्मीर की सिग्नल रेजीमेंट में तैनात लेफ्टिनेंट कर्नल मेरठ से कई फौजी साथियों व सेना की गाड़ी लेकर वाजिदपुर गांव पहुंचे थे. आरोप है कि उन्होंने अपने ताऊ के धीर सिंह के मकान में तोड़फोड़ कर दी थी और लोहे का गेट आदि गाड़ी में डालकर ले गए थे. घटना का मुकदमा धीर सिंह ने ऋषिपाल व उसकी पत्नी, बेटे लेफ्टिनेंट तरुण कुमार, रणवीर सिंह व अज्ञात फौजियों के खिलाफ दर्ज कराया था. तोड़फोड़ की घटना के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे. बागपत पुलिस ने इस घटना को रक्षा मंत्रालय के साथ सेना मुख्यालय दिल्ली को भी अवगत कराया था.
मेरठ सेना पुलिस टीम ने किया निरिक्षण
मेरठ सेना पुलिस के सूबेदार व हवलदार बड़ौत कोतवाली पहुंचे और वाजिदपुर गांव में लेफ्टिनेंट कर्नल तरुण कुमार और फौजियों द्वारा विवादित मकान में तोड़फोड़ की घटना में कार्रवाई की जानकारी लेते हुए मुकदमे से संबंधित अभिलेख प्राप्त किए. उसके बाद सूबेदार व हवलदार वाजिदपुर गांव में पहुंचे और घटना स्थल का निरीक्षण किया. सेना पुलिस ने मकान का दरवाजा भी देखा, जिसे लेफ्टिनेंट कर्नल और फौजी तोड़कर अपने साथ ले गए थे. इस दौरान सेना पुलिस ने मौके पर गांव के लोगों से बातचीत करते हुए उनके बयान लिए. इसके बाद सेना पुलिस मेरठ वापस लौट गई. इससे पहले सेना मुख्यालय की और से घटना के वीडियो मांगे गए थे, जिन्हे बागपत पुलिस ने उपलब्ध करा दिया था.
बड़ौत इंस्पेक्टर का बयान
बड़ौत कोतवाली इंस्पेक्टर मनोज कुमार चहल का कहना है कि इस घटना में मेरठ से सेना पुलिस के सूबेदार व हवलदार ने मुकदमे से संबंधित अभिलेख प्राप्त किए. उसके बाद गांव में घटनास्थल का स्थलीय निरीक्षण किया और गांव के लोगों के बयान दर्ज किए है. उधर, पुलिस इस मुकदमे की विवेचना कर रही है.