मेरठ।(www.arya-tv.com) भारतीय क्रिकेट टीम के मध्यम तेज गेंदबाज रहे प्रवीण कुमार उर्फ पीके ने मारपीट के मामले में अपनी सफाई पेश करते हुए कहा कि उन्हें ‘लोकल पॉलिटिक्स’ के तहत बदनाम किया जा रहा है। उनकी छवि धूमिल करने की कोशिश की जा रही है। यहां कोई किसी को आगे बढ़ता हुआ नहीं देख सकता। बता दें कि शनिवार को फैक्ट्री संचालक दीपक शर्मा ने उन पर मारपीट का आरोप लगाया था।
33 वर्षीय प्रवीण कुमार ने मीडिया को दिए बयान में कहा कि दीपक की ओर से लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं। दीपक ने उनकी चेन छीनने की कोशिश की थी। इसकी शिकायत भी थाने में की है। पीके ने कहा कि मलियाना क्षेत्र में उनके दो-तीन घर हैं। वे वहां रहते नहीं हैं। बस अपना घर देखने चले गए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि उन पर मारपीट का आरोप लगाकर दूसरा पक्ष सस्ती लोकप्रियता हासिल करना चाहता है। इन सबके पीछे स्थानीय राजनीति है। हालांकि पीके यह स्पष्ट नहीं कर पाए कि स्थानीय राजनीति है क्या?
पीके ने कहा कि हाल में उन्होंने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में कमेंट्री की थी और रणजी ट्रॉफी में भी करेंगे। वह अपने काम से खुश हैं। बता दें कि पीके ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में छह टेस्ट खेले हैं। 68 एकदिवसीय मैचों में पीके के 104 विकेट हैं। यह पहला मौका नहीं है जब पीके पर मारपीट के आरोप लगे हैं। वर्ष 2008 में उन पर पीएल शर्मा रोड पर एक डॉक्टर से मारपीट का आरोप है।
पूर्व क्रिकेटर प्रवीण कुमार और व्यापारी दीपक शर्मा के मामले में पुलिस एफआइआर दर्ज करने से गुरेज कर रही है। बिना मुकदमा दर्ज किए ही पुलिस ने दोनों का जिला अस्पताल में एक्स-रे कराया। पुलिस का तर्क है कि एक्स-रे रिपोर्ट आने के बाद स्पष्ट हो जाएगा कि दोनों तरफ से मुकदमों में कौनसी धाराएं बनती हैं।
मामला पूर्व क्रिकेटर से जुड़ा होने के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बजाय दोनों तरफ से आई तहरीर पर जांच शुरू की। तीसरे दिन भी पुलिस की जांच पूरी नहीं हो पाई। एसएसआइ का कहना है कि मंगलवार तक दोनों पक्षों की एक्स-रे रिपोर्ट आ जाएगी। उसके बाद ही दोनों तरफ से मिली तहरीर पर अफसरों से विचार-विमर्श कर मुकदमा दर्ज कर लिया जाएगा।