नगर निगम की मेहनत पर मेयर के पत्र ने पानी फेरा

# ## Lucknow

डॉ.अजय शुक्ला की कलम से…….

  • कहीं पर निगाहें कहीं पर निशाना, मेयर के पत्र को विपक्ष ने बड़ा मुद्दा बनाते हुए कई आरोप लगाये
  • क्या नगर आयुक्त और नगर विकास मंत्री को बदनाम करने के लिए पत्र वायरल किया गया!
  • नगर विकास मंत्री लखनऊ के होने के नाते शहर को संकट में बचाने के लिए नगर निगम के साथ खड़े होकर अधिकारियों और कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाने का काम कर रहे हैं वही दूसरी ओर एक पत्र ने विपक्षी पार्टियोें को सरकार के काम को बदनाम करने का मौका दिया जो कि सोचने वाली बात है इसके परिणाम दूरगामी होंगे
  • छोटी सी बात ने सरकार को कठघरे में खड़ा किया!

(www.arya-tv.com)एक पुरानी कहावत है कि घर का भेदी लंका ढाए। वही इस समय नगर निगम लखनऊ के साथ हो रहा है। मेयर के पत्र को विपक्ष ने बड़ा मुद्दा बनाते हुए कई आरोप लगाये। जहां एक तरफ स्वयं मुख्यमंत्री की कोविड—19 की टीम के सदस्य लखनऊ नगर निगम के कार्यों का प्रतिदिन स्कूटनी व निरीक्षण कर रहे हैं, नगर विकास मंत्री आशुतोष टण्डन लखनऊ के होने के नाते लगातर सारे कार्यों पर नजर रख रहे हैं और नगर ​निगम के आयुक्त अपनी टीम के सदस्यों व कर्मचारियों के साथ शहर की साफ—सफाई, सेनीटाईजेशन,कूड़ा उठान के साथ जरूरतमंदों को लंच व राशन ​वितरण जैसे बड़े काम कर रहा है। जिसको लेकर अभी तक किसी भी प्रकार की कोई शिकायत सामने नहीं आयी।

हर स्तर पर नगर निगम द्वारा अधिकारियों और कर्मचारियों को साथ मिलाकर कोरोना के खिलाफ हर स्तर पर लड़ने की पूरी कोशिश की जा रही है। जिसमें लखनऊ नगर निगम के कार्यों की भूमिका शासन स्तर पर ठीक रही है। लखनऊ नगर निगम के कार्यों के निरीक्षण के लिए कई बार मण्डलायुक्त और डीएम कई बार साथ में नगर निगम के कर्मचारियों का हौसला बढ़ाते नजर आये। वहीं दूसरी ओर आज अचानक मेयर संयुक्ता भाटिया द्वारा एक पत्र के माध्यम से नगर ​आयुक्त को कर्मचारियों द्वारा सेनेटाइजर व माक्स खरीद में कुछ गड़बड़ी की जांच कराने का पत्र आना अपने आप में एक सवाल खड़ा कर देता है। इस पत्र में साफ लिखा गया है कि कोरोना संकट काल में भी सेनेटाइजर की 10 हजार सीसी खरीदने व माक्स और अन्य उपकरणों की खरीद में शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। जिसकी जांच नगर आयुक्त करा कर तत्काल कार्यवाही करें।

नगर निगम द्वारा किसी भी प्रकार की खरीद में कोई भी गड़बड़ी नहीं की गयी है,जो बातें मीडिया या पत्र के माध्यम से सामने आ रही हैं उनका पत्र के माध्यम से जबाब दिया जायेगा। नगर निगम द्वारा किसी भी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं की गयी है। पत्र जानबूझ कर नगर निगम की छवि धूमिल करने के​ लिए वायरल किया गया है। सेनेटाइजर व अन्य उपकरण के संबंध में कोई भी वित्तीय अनियमितता किसी के द्वारा नहीं की गयी है। — डॉ.इन्द्रमणि त्रिपाठी

इस मुद्दे पर पर्यावरण अभियंता पंकज भूषण का कहना है कि जो भी सीसी आयी हैं उसका किसी भी प्रकार का कोई भुगतान नहीं किया गया है वह सब नि:शुल्क प्राप्त हुई है। खरीद में किसी भी प्रकार की कोई अनियमितता नहीं हुई है। उनके द्वारा साक्ष्य के रूप में जारी अ​भिलेख

नगर ​निगम द्वारा जारी किया गया संस्था का वह पत्र जिसमें साफ लिखा है कि इन सीसी का कोई भी भुगतान नहीं किया जाना है यह नि:शुल्क है

इन मुद्दे पर कर्मचारी संघ के अध्यक्ष शशि मिश्रा का साफ कहना है कि बिना किसी साक्ष्य के किसी भी प्रकार का आरोप लगाना पूरी तरह से निराधार है। फिर अगर किसी भी प्रकार की कोई शिकायत मिल रही थी तो टेलीफोन या फिर व्यक्तिगत रूप से जानकारी ली जा सकती थी। ऐसे संकट के समय किसी भी अधिकारी /कर्मचारी पर इस तरह का आरोप लगाना गलत है अगर कर्मचारियों ने काम बंद कर दिया तो शहर का क्या हाल होगा ये देखने वाली बात होगी। इसके साथ ही श्री मिश्रा का साफ कहना है कि इस संकट काल में कर्मचारियों पर इस तरह के आरोप लगाना सही नहीं है इस तरीके से पत्र का वायरल होना नगर निगम कर्मचारियों का मनोबल गिराने जैसा होगा

मेयर द्वारा जांच के लिए जारी किया गया वायरल पत्र