(www.arya-tv.com)उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मात्र एक चरण का मतदान बचा है जो 7 मार्च को वो भी पूरा हो जाएगा। उसके बाद सभी लोग 10 मार्च का बेसब्री से इंतजार करेंगे। राजनीतिक दलों के साथ-2 प्रदेश की जनता भी उस दिन का इंतजार करेंगी। लेकिन इस बचे हुए चरण के लिए पार्टियों ने पूरी ताकत झोंक दी है। विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण में होते हुए भी नेता एक-दूसरे पर आरोप- प्रत्यारोप का सिलसिला बंद नही कर रहे है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने भाजपा पर हमला बोला है। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए भाजपा से सवाल किया है कि यह कैसी राजनीति है जिसमें रोटी-रोजगार छीनकर मुफ्त राशन व टीका देकर एहसान जता रहे है बल्कि यह तो कर्तव्य है।
भाजपा चुनावी स्वार्थ की खातिर पीड़ितों की मदद को भुनाने में लगी हुई है
मायावती ने ट्वीट कर कहा कि भाजपा कोरोना वैक्सीन व पीड़ितों को राशन देने को यूपी में चुनावी स्वार्थ की खातिर भुनाने में लगी हुई है, जबकि यह उसकी संवैधानिक जिम्मेदारी बनती है कि वह बेसहारा बने नागरिकों की मदद करे। यह कर्तव्य है एहसान नहीं, किन्तु रोजी-रोजगार छीनकर मुफ्त राशन व टीका यह कैसी अजब राजनीति?
हिंसा में नहीं खोना है संयम
इससे एक दिन पहले गुरुवार को भी मायावती ट्वीट कर कहा कि यूपी में अब तक पांच चरण के मतदान में निराशा व हताशा के बाद विरोधी लोग अब हिंसा, अभद्रता व असभ्य आचरण आदि के हथकंडे पर उतर आए हैं, जिससे लोगों को अपना संयम नहीं खोना है बल्कि ऐसी पार्टियों को वोट की मार के जरिए अपनी मजबूत सरकार बनाने के मिशन में डटे रहना है।
जुमलेबाजी में नहीं फंसना
मायावती ने कहा कि महिला सम्मान व लोगों को सुरक्षा एवं आत्म-सम्मान के साथ रोजी-रोजगार की व्यवस्था करना ही अच्छी सरकार की पहचान है जिस मामले में केवल बीएसपी का रिकार्ड ही बेहतरीन रहा है। यह याद रखने की बात है ताकि आने वाला समय भी, वर्तमान की तरह, संकट व जुमलेबाजी के चक्रव्यू में ही न फंसा रह जाए।।