पहले शॉट के बाद डायरेक्टर ने कह दिया था गेट आउट

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(www.arya-tv.com)बॉलीवुड अभिनेता मनोज बाजपेयी 51 साल के हो गए हैं। उनका जन्म नेपाल सीमा के पास, बिहार के बेलवा गांव में 23 अप्रैल 1969 को हुआ था। हाल ही में मनोज की वेब सीरीज ‘साइलेंस: कैन यू हियर इट’ रिलीज हुई है जिसे काफी सराहा जा रहा है। मनोज अब बॉलीवुड में जाना-माना नाम बन चुके हैं लेकिन एक दौर ऐसा था जब स्ट्रगल से परेशान होकर उनके मन में सुसाइड के ख्याल आने लगे थे।

9 साल की उम्र में लगा एक्टिंग का चस्का

पिछले साल ह्युमन्स ऑफ बॉम्बे को दिए इंटरव्यू में मनोज बाजपेयी ने अपने स्ट्रगल के दौर को याद करते हुए इस बात का खुलासा करते हुए कहा था,‘मैं किसान का बेटा हूं, बिहार के गांव में अपने पांच भाई-बहनों के साथ पला-बढ़ा। हम साधारण जिंदगी जीते थे लेकिन जब भी शहर जाते तो थिएटर जरूर जाते थे। मैं अमिताभ बच्चन का फैन था और उनकी तरह बनना चाहता था। 9 साल की उम्र में ही मैं जानता था कि मुझे एक्टिंग करनी है। 17 साल का हुआ तो दिल्ली यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया। मैंने थिएटर करना शुरू किया लेकिन परिवार को इसके बारे में कोई आइडिया नहीं था। मैंने पिता जी को एक लैटर लिखा। वो गुस्सा नहीं हुए और मुझे 200 रु. भेजे।

मनोज ने आगे कहा, ‘मैं आउटसाइडर था और नए माहौल में एडजस्ट करने की कोशिश कर रहा था। मैंने इंग्लिश सीखी। फिर मैंने एनएसडी में अप्लाई किया लेकिन तीन बार रिजेक्ट हुआ। मैं सुसाइड करने के करीब था तो मेरे दोस्त मेरे पास ही सोते थे और मुझे अकेला नहीं छोड़ते थे। उसी साल मैं एक चाय की दुकान पर खड़ा था तो तिग्मांशु धूलिया मुझे ढूंढते हुए अपनी खटारा स्कूटर पर आए। शेखर कपूर मुझे ‘बैंडिट क्वीन’ में कास्ट करना चाहते थे। तब मुझे लगा कि मैं मुंबई जाने के लिए तैयार हूं।’

पहले शॉट के बाद सुना- ‘गेट आउट’

मनोज ने आगे बताया, ‘शुरुआत में सब बहुत कठिन था। पांच दोस्तों के साथ हमने चॉल किराए पर ली और काम ढूंढने लगे लेकिन कोई रोल नहीं मिला। एक बार एक असिस्टेंट डायरेक्टर ने मेरी फोटो फाड़ दी और एक ही दिन में 3 प्रोजेक्ट मेरे हाथ से निकल गए। यहां तक कि मुझे अपने पहले शॉट के बाद गेट आउट तक कहा गया। मेरे पास किराए के पैसे नहीं हुआ करते थे और खाने के लिए वड़ा-पाव भी महंगा लगता था।’

चार साल तक किया स्ट्रगल

मनोज आगे बोले, ‘मेरा चेहरा हीरो के लिए फिट नहीं होता था तो लोगों को लगता था कि मैं कभी बड़े परदे पर जगह नहीं बना पाऊंगा। चार साल स्ट्रगल करने के बाद मुझे महेश भट्ट की टीवी सीरीज में रोल मिला। एक एपिसोड के लिए मुझे 1500 रु. मिलते थे। इसके बाद मेरा काम नोटिस किया गया और मुझे अपनी पहली बॉलीवुड फिल्म मिली और इसके बाद ‘सत्या’ से मुझे बड़ा ब्रेक मिला। फिर अवॉर्ड मिले। मैंने अपना पहला घर खरीदा और जानता था कि मैं यहां जम जाऊंगा। 67 फिल्मों के बाद मैं आज यहां हूं।