मणिपुर का नाम नहीं लिया, लेकिन शांति की बात कह गईं राष्ट्रपति… अब दूर होगी विपक्ष की शिकायत?

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WWW.ARYATV.COM/ मणिपुर में सालभर से भी ज्यादा वक्त से हिंसा के माहौल के बीच विपक्ष मोदी सरकार पर चुप्पी साधे रहने का आरोप लगाता रहता है। यह शिकायत आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दूर कर दी। उन्होंने अपने अभिभाषण में मणिपुर का नाम तो नहीं लिया, लेकिन पूर्वोत्तर में स्थायी शांति का जिक्र जरूर किया। उन्होंने कहा कि सरकार नॉर्थ-ईस्ट में स्थायी शांति के लिए लगातार काम कर रही। उन्होंने यह भी कहा कि बीते 10 वर्षों में सरकार ने कई पुराने विवादों का समाधान निकाला है। राष्ट्रपति जब नॉर्थ-ईस्ट में शांति का जिक्र कर रही थीं, तब विपक्ष से शोर की आवाज सुनाई दी।

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, ‘मेरी सरकार ने नॉर्थ-ईस्ट में आवंटन में 10 गुना की वृद्धि की गई है। उत्तर-पूर्व में हर क्षेत्र में विकास कार्य को आगे बढ़ाया जा रहा है। असम में 27 हजार करोड़ रुपये की लागत से सेमी कंडक्टर प्लांट बनाया जा रहा है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘मेरी सरकार नॉर्थ-ईस्ट में स्थायी शांति के लिए निरंतर काम कर रही है। पिछले 10 साल में अनेक पुराने विवादों को हल किया गया है। नॉर्थ ईस्ट में अशांत क्षेत्र में तेज विकास करके चरणबद्ध तरीके से अफ्सपा हटाने का काम भी जारी है। देश के हर क्षेत्र में विकास के नए आयाम बन रहे हैं।

’18वीं लोकसभा के पहले सत्र का आज चौथा दिन है। पहले दो दिन सोमवार और मंगलवार को प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि मेहताब ने सांसदों के पद की शपथ दिलाई। तीसरे दिन बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष का चयन हुआ और ओम बिरला दूसरी बार स्पीकर चुने गए। उन्होंने अपने पहले वक्तव्य में आपातकाल की निंदा की जिसका कांग्रेस सांसदों ने विरोध किया। फिर बिरला ने यह कहते हुए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी थी कि अब गुरुवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण का खत्म होने के आधे घंटे बाद से सदन की कार्यवाही शुरू होगी। राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में सरकार का लंबा-चौड़ा रोडमैप संसद में पेश किया।