(www.arya-tv.com) मणिपुर में 3 मई से शुरू हुआ हिंसा का दौर मंगलवार को भी शांत नहीं हुआ। रात 11:45 बजे यहां के थंगजियांग में फायरिंग हुई। अधिकारियों के मुताबिक, ऑटोमैटिक हथियार के 15-20 राउंड फायर किए गए।
मंगलवार को ही सेना ने प्रतिबंधित संगठन यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (UNLF) के चार सदस्यों को भी गिरफ्तार किया। उनके पास से 51 मिलीमीटर की मोर्टार और बम बरामद किया गया है।
सेना ने ट्वीट कर जानकारी दी कि 19 जून की शाम को लिलोंग इलाके में चलाए गए चेकिंग अभियान में इन्हें पकड़ा गया है।
इंटरनेट 25 जून तक बैन, स्कूल 1 जुलाई तक बंद
हालात को देखते हुए 4 मई से बंद स्कूलों की छुट्टियां 1 जुलाई तक बढ़ा दी गई हैं। पहले स्कूल 21 जून को खोलने की तैयारी थी। इस बीच मणिपुर के 1,500 बच्चों ने मिजोरम के स्कूलों में एडमिशन ले लिया है। मिजोरम के शिक्षा निदेशक लालसांग लियाना ने बताया कि विस्थापित बच्चों को सरकारी स्कूलों में मुफ्त में एडमिशन दिया गया।
राज्य में इंटरनेट बैन को भी 25 जून तक बढ़ा दिया गया है। हालांकि मणिपुर HC ने राज्य सरकार को सीमित नेट सेवा प्रदान करने का निर्देश दिया है।
जस्टिस अहंथेम बिमोल सिंह और ए गुनेश्वर शर्मा ने कहा कि इंटरनेट कुछ लोगों के लिए काम करने के लिए जरूरी है, खासकर स्टूडेंट्स के एडमिशन के संबंध में।
इम्फाल वैली में 100 ATM लेकिन पैसे सिर्फ 5-10 में
इंटरनेट सेवा बंद होने से लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। ATM से रुपए निकालना भी मुश्किल हो गया है। इम्फाल वैली के वांगखाई के रहने वाले प्रीतम सिंह रुपए निकालने के लिए सुबह से तीन-चार ATM की खाक छान ली, लेकिन रुपए नहीं निकाल पाए।
इसके बाद वे दूसरे इलाके सिंगजेमे बाजार पहुंचे। प्रीतम सिंह का कहना है, ‘यहां करीब 100 ATM है जिनमें से केवल 5 से 10 में ही रुपए हैं। इंटरनेट बंद होने से ऑनलाइन पेमेंट बंद है, केवल नकदी में ही खरीदारी करनी पड़ रही है। इसलिए रोजाना ATM जाना पड़ता है। कई बार लाइन में नंबर आते-आते ATM में रुपए खत्म हो जाते हैं।
मोबाइल रिचार्ज के लिए रिश्तेदारों के भरोसे
मणिपुर के लोग मोबाइल रिचार्ज के लिए दूसरे राज्यों में रहने वाले रिश्तेदारों पर निर्भर हैं। स्थानीय निवासी रूपाली देवी का कहना है कि हिंसा के दौरान चावल की कीमत काफी बढ़ गई। अमूमन चावल 30 रुपए किलो के नीचे मिल जाते थे, लेकिन कीमत 50 रुपए किलो तक पहुंच गई है।
आलू की कीमत 80 रुपए किलो पहुंच गई। चीजों के दाम बढ़ने से हमारा बजट भी बिगड़ गया है। वहीं, एक महिला दुकानदार चिंगखाम संगीता ने कहा, ‘हम जिनसे चीजें खरीदते हैं उन्होंने ही दाम बढ़ाए हैं तो हमें भी चीजों के दाम बढ़ाने पड़े।