25 साल बाद परिवार से मिला व्यक्ति…मां का खोजते-खोजते निधन, विधवा की तरह रह रही थी पत्नी…

# ## National

(www.arya-tv.com)  राजस्थान के चूरू में मन को भाव विभोर करने वाला एक ऐसा दिलचस्प मामला सामने आया है, जिसकी कहानी बिल्कुल फिल्मों जैसी है लेकिन फिल्मी नही. जी हां मामला चूरू जिले की सादुलपुर तहसील का है जहां सादुलपुर में संचालित विमला देवी सेवा समिति आश्रम ने 20 साल पहले बिछड़े एक व्यक्ति को उसके परिवार से मिलवाया है.

25 साल पहले बिगड़ गया था राम उजागिर का दिमागी संतुलन
आश्रम संचालक मनीष शर्मा ने बताया की उत्तरप्रदेश के बस्ती जिले के गांव भरौली निवासी राम उजागिर पुत्र रामनरेश का 25 साल पहले दिमागी संतुलन बिगड़ गया था. परिवार के लोगों ने उनका उपचार भी करवाया लेकिन वह पूरी तरह ठीक नही हो सके. करीब 20 वर्ष पूर्व वह अपने परिवार से बिछड़ गए. इनकी मां ने इनको बहुत ढूंढा और बेटे को ढूंढते-ढूंढते गम में मां का भी देहांत हो गया लेकिन बेटा नहीं मिला. घर पर छोटे-छोटे बच्चे और इनकी पत्नी अकेली रह गई और जैसे तैसे कर अपने बच्चों को पाला. धीरे-धीरे दिन बीत गए और इनका कोई अता पता नहीं लगा तो परिवार वालों ने मरा समझ लिया.

पत्नी ने मांग में दोबारा लगाया सिंदूर
राम उजागिर जिनकी पत्नी भी विधवा की तरह अपना जीवन यापन करने लगी. 20 साल पहले जो बच्चा 6 साल का था उसकी आज शादी भी हो गई, उसके भी बच्चे हो गए, आज सादुलपुर के विमला देवी सेवा समिति राजगढ़ की टीम ने उन्हें उनके पिता से मिला दिया जो उनके लिए मर चुके थे आज फिर से जिंदा हो गए उस मां के माथे पर फिर से सिंदूर लग गया.

रेलवे लाइन के पास रहते थे राम उजागिर
सादुलपुर में संचालित विमला देवी सेवा समिति आश्रम के संचालक मनीष शर्मा ने बताया 17 जनवरी को साखू फोर्ट रोड़ पर स्थित एक चाय के होटल और विवाह शादियों में रसोई का काम करने वाले अजीत यादव का कॉल आया और बताया कि पिछले 5 दिन से यहां रेलवे लाइन के पास एक बुजुर्ग व्यक्ति रह रहे हैं जो दिन में तो इधर-उधर रहते है और रात को यही लाइनों के पास सो जाते हैं.

टीम मौके पर पहुंची और राम उजागिर को अपने साथ आश्रम में ले आई. भोजन करवाकर नहला, धुलाकर राम उजागिर के कपड़े बदले. राम उजागिर को चार से पांच दिनों बाद सामान्य होने के बाद उनसे बातचीत की. राम उजागिर ने परिवार के लोगों का नाम और गांव का नाम बताया. इसके बाद सम्बंधित थाने से संपर्क साधकर परिजनों को इसकी सूचना दी गई और वीडियो कॉल से परिजनों ने इसकी पहचान कर पुष्टि की और फिर लेने आए सादुलपुर.