महोबा में प्रेम की डोर से बंधे दो दिलों को जातीय जंजीरों ने बांधने की कोशिश की तो नवविवाहित जोड़े ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर अपनी जान-माल की सुरक्षा की गुहार लगाई. रवि कुशवाहा और सोनिया तोमर, जिन्होंने समाज की जातीय सीमाओं को तोड़ते हुए मंदिर में शादी रचाई, अब खुद को खतरे में महसूस कर रहे हैं.
दरअसल, मध्यप्रदेश के छतरपुर जनपद निवासी टहंनगा गांव निवासी रवि कुशवाहा बचपन से ही महोबा में अपने मामा के घर रहकर पढ़ाई कर रहा था. यहीं गांधी नगर निवासी सोनिया तोमर से उसकी दोस्ती हुई, जो धीरे-धीरे प्रेम में बदल गई. दस वर्षों तक चले इस प्रेम संबंध के बारे में जब सोनिया के परिजनों ने जाना, तो उन्होंने गैर जाति का हवाला देकर दोनों के बीच दीवार खड़ी कर दी. इसके बाद रवि मेडिकल क्षेत्र में काम करने लगा और सोनिया ने भी पढ़ाई जारी रखी, लेकिन परिवार की सख्ती के चलते मिलने-जुलने पर पाबंदी लग गई.
एसपी की चौखट पर खड़े रवि ने बताया कि सोनिया के माता-पिता और भाई ने उन्हें जान से मारने, जलाने और यहां तक कि सुपारी देकर हत्या कराने की धमकी तक दी. हालात से तंग आकर सोनिया घर से भाग निकली और दोनों ने भोपाल जाकर मंदिर में विवाह कर लिया. मगर, विवाह के बाद भी उनका पीछा जातीय सोच ने नहीं छोड़ा. सोनिया के परिजनों ने रवि पर सोनिया को बहला-फुसलाकर ले जाने और रुपये-जेवर हड़पने का आरोप लगाते हुए थाने में तहरीर दे दी. साथ ही रवि के गांव जाकर उसके परिजनों को भी धमकाया गया.
एसपी से लगाई मदद की मदद की गुहार
एसपी कार्यालय पहुंचकर दोनों ने बताया कि वे बालिग हैं और अपनी मर्जी से शादी की है, लेकिन अब लगातार मिल रही धमकियों और झूठी शिकायतों के चलते मानसिक तनाव में हैं. सोनिया, जो अब रवि की पत्नी है, कहती है कि मैंने अपने परिवार के खिलाफ जाकर शादी की क्योंकि रवि से मेरा प्रेम अटूट है. मगर हमारी शादी में जाति दीवार बनकर सामने खड़ी हो गई है. हमें हर वक्त जान से मारने की धमकी दी जा रही है. दोनों का कहना है कि अब वे एक-दूसरे से अलग नहीं हो सकते और किसी भी हाल में साथ जीना और मरना चाहते हैं. उन्होंने पुलिस प्रशासन से आग्रह किया कि उन्हें जातीय द्वेष के कारण दी जा रही धमकियों से सुरक्षा प्रदान की जाए, जिससे वे सामान्य जीवन जी सकें.