(www.arya-tv.com) भारत विरोधी रुख रखने वाले मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु की राजनीतिक हालत पतली हो गई है. विपक्षी पार्टी उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी में जुटी है. यहां यह जानना दिलचस्प है कि मालदीव की संसद में मोइज्जु की पार्टी नेशनल डेमोक्रेटिक कांग्रेस को बहुमत हासिल नहीं है. ऐसे में यदि विपक्षी दल अपने रुख पर कायम रहते हैं तो आने वाले दिनों में मुइज्जु को अपनी कुर्सी तक गंवानी पड़ सकती है. मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जु लगातार भारत विरोधी रुख अपनाए हुए हैं. उनकी कैबिनेट के दो मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इसके बाद मुइज्जु सरकार ने भारत को मालदीव से सेना हटाने की डेडलाइन दे डाली थी. मुइज्जु के इस रुख का मालदीव में विरोध हो रहा है.
संसद में नंबर गेम
मालदीव की संसद को पीपुल्स मजलिस के नाम से जाना जाता है. इसमें कुल 80 सदस्य होते हैं. मुख्य विपक्षी दल मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी के 42 सदस्य हैं. एक अन्य दल डेमोक्रेट के पास कुल 13 सदस्य हैं. राष्ट्रपति मुइज्जु के खिलाफ इन दोनों दलों ने हाथ मिला लिया है. बता दें कि राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव को पास कराने के लिए 54 सांसदों (दो तिहाई बहुमत) की जरूरत होगी. विपक्षी दलों के बीच गठजोड़ को देखें तो उनके पास यह नंबर मौजूद है. यदि और किसी तरह की तोड़फोड़ नहीं होती है तो राष्ट्रपति मुइज्जु की कुर्सी खतरे में पड़ सकती है.