आईपीएस मणिलाल की गिरफ्तारी के लिए तीन राज्यों में सर्च ऑपरेशन जारी

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(www.arya-tv.com)उत्तर प्रदेश के महोबा में कबरई के रहने वाले क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की रहस्यमय परिस्थितियों में गोली लगने से मौत के मामले में एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी को सौंप दी है। एसआईटी की अध्यक्षता आईजी रेंज वाराणसी विजय सिंह मीणा कर रहे थे। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इंद्रकांत त्रिपाठी ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल से गोली मारकर आत्महत्या की थी। इसे प्रमाणित करने के लिए एसआईटी ने बैलेस्टिक रिपोर्ट समेत तमाम अहम सबूत भी पेश किए हैं। दूसरी ओर एसआईटी द्वारा रिपोर्ट दिए जाने के बाद महोबा पुलिस ने अपने ही पूर्व कप्तान मणिलाल पाटीदार की तलाश में छापेमारी शुरू कर दी है।

आईपीएस की तलाश में तीन राज्यों में पुलिस पहुंची

निलंबित आईपीएस मणिलाल की तलाश के लिए छह टीमें गठित की गयी हैं‚ जिन्हें मंगलवार को राजस्थान‚ गुजरात और दिल्ली समेत उनके संभावित ठिकानों पर भेजा गया है। लोकेशन के लिए सर्विलांस की मदद भी ली जा रही है। इससे पहले मणिलाल ने कोरोना पॉजिटिव होने की वजह से एसआईटी के सामने पेश होने में असमर्थता जताई थी। उनके अधिवक्ता ने एसआईटी को इसका पत्र दिया था। क्रशर व्यापारी पर वसूली के लिए दबाव डालने और आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के पुख्ता प्रमाण मिलने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनको तत्काल गिरफ्तार करने के आदेश दिए हैं‚ जिसके बाद पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए टीमें गठित की हैं।

रिपोर्ट में हुआ मणिलाल की करतूतों का खुलासा

सूत्रों के अनुसार एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में एसपी महोबा रहे मणिलाल पाटीदार की काली करतूतों का खुलासा किया है। इसके लिए एसआईटी ने 60 से ज्यादा लोगों के बयान दर्ज किए हैं‚ साथ ही जिन लोगों पर एसपी ने फर्जी मुकदमे लादे थे‚ उनको भी एसआईटी ने अपनी जांच में शामिल करते हुए उनके बयान को बतौर सबूत शामिल किया है। एसआईटी ने क्रशर व्यवसायी की मौत के मामले की गहनता से तफ्तीश करने के बाद पाया कि उसने एसपी के बढ़ते दबाव की वजह से आत्महत्या करने जैसा कदम उठाया। सूत्रों के अनुसार एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में मणिलाल की करतूतों में शामिल करीब एक दर्जन पुलिसकर्मियों पर भी विभागीय कार्रवाई शुरू करने की सिफारिश की है।

मौत से पहले व्यापारी ने वीडियो वायरल कर जताया था जान का खतरा

कबरई के रहने वाले व्यापारी इंद्रकांत ने सात सितंबर को वीडियो वायरल कर कहा था कि उनकी जान को खतरा है और अगर उन्हें कुछ होता है तो महोबा के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार ही जिम्मेदार होंगे। उन्हें लगातार मारने की धमकियां मिल रही थीं। अगली सुबह 8 सितंबर को इंद्रकांत अपनी कार में घायल मिले थे। 13 सितंबर को कानपुर के रीजेंसी अस्पताल में इलाज के दौरान इंद्रकांत की मौत हो गई। इस प्रकरण में पहले मणिलाल पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया गया था। लेकिन मौत के बाद हत्या में बदल दिया गया। वहीं, सीएम योगी ने प्रकरण की जांच के लिए एसआईटी गठित की थी। एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट तलब की गई थी।