थ्रीडी मैपिंग तकनीक से बसेगा नया शहर, ड्रोन सर्वे से बनेगी रूपरेखा, महाकुंभ के बाद माघ मेले की तैयारियां शुरु

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प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में लगने वाले आस्था का सबसे बड़ा माघ मेला 2026 को बसाने के लिए इस बार थ्रीडी मैपिंग और ड्रोन के उपयोग से किया जाएगा। इस तकनीक से पूरे मेला क्षेत्र को सात सेक्टरों में बांटा जाएगा।

जमीन की मैपिंग करके बसावट की योजना बनाई जाएगी, जो पिछले तरीकों की तुलना में ज्यादा तेज और सटीक होगी। तीन जनवरी 2026 से शुरू होने वाले माघ मेला की तैयारियां अब तेजी पकड़ने लगी है क्योकि इस बार समय कम होने की वजह से कार्य तेजी से किया जा रहा है।

इस बार ड्रोन से मैपिंग के आधार पर मेला क्षेत्र को सात सेक्टरों में विभाजित किया जाएगा। यह तरीका भौतिक पैमाइश की तुलना में ज़्यादा तेज और सटीक साबित होगा। इससे सेक्टर विभाजन से लेकर प्रमुख मार्गों व गाटा मार्गों के निर्धारण में समय की कमी होगी।

इस बार मेला का क्षेत्रफल 770 हेक्टेयर से बढ़कर लगभग 1000 हेक्टेयर में बसने की तैयारी की गई है। कम समय में ज्यादा क्षेत्रफल में मेला बसाने के लिए ही थ्रीडी मैपिंग की मदद ली जा रही है। उप मेलाधिकारी विवेक शुक्ला ने बताया कि समतलीकरण का कार्य शुरू करा दिया गया है।

काली मार्ग और ओल्ड जीटी मार्ग पर पांटून पुलिया बनाने के लिए पीपा को मंगवा लिया गया हैं। माना जा रहा है कि एक हफ्ते में जमीन और सूख जाएगी, जिसके बाद समतलीकरण का कार्य तेजी से किया जाएगा। विभिन्न विभागों के टेंडर की प्रक्रिया भी पूरी करा दी गई है।

पिछले माघ मेला में छह पांटून बनाए गए थे। फाफामऊ पुल के पास गंगा पर एक पांटून बनाया जाना प्राधिकरण ने आवश्यक माना है, जिससे यातायात व्यवस्था सुगम हो सकेगा उप मेलाधिकारी ने बताया कि लोक निर्माण विभाग के साथ ही विद्युत व जल निगम के कार्य समानांतर रूप से कराए जाएंगे।