- जन्म 12 अप्रैल 1935 को लखनऊ के चौक में।
- पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बेहद करीबी थे टंडन।
- कई बार विधानसभा सदस्य और विधान परिषद के सदस्य रहे।
- लालजी टंडन बीएसपी-बीजेपी गठबंधन और कल्याण सिंह सरकार में मंत्री भी रहे।
- 2009 में लखनऊ लोकसभा सीट से जीते थे चुनाव
- 23 अगस्त 2018 को लालजी टंडन बिहार के राज्यपाल बने।
- इसके बाद 29 जुलाई 2019 को उन्हें मध्य प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया था।
लखनऊ। लखनऊ के चौक गांव में जन्मे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई के करीबी मध्य प्रदेश के गवर्नर लालजी टंडन नहीं रहे। मंगलवार सुबह उनका निधन हो गया। टंडन 85 साल के थे। वह कई दिनों से बीमार चल रहे थे और उनका लखनऊ में इलाज हो रहा था। लालजी टंडन के निधन की पुष्टि उनके बेटे और यूपी सरकार में मंत्री आशुतोष टंडन ने की। उन्होंने ट्वीट करके कहा कि बाबूजी नहीं रहे।
सोमवार की रात ही लालजी टंडन की हालत फिर बिगड़ गई थी। गंभीर हालत में उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। इसकी जानकारी लखनऊ स्थित मेदांता हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. राकेश कपूर ने दी थी। डॉ. राकेश कपूर ने कहा था कि आज उनकी तबीयत ज्यादा गंभीर है। उन्हें फुल सपोर्ट पर रखा गया था। आज सुबह 5 बजकर 35 मिनट पर उनका निधन हो गया।
बाबूजी नहीं रहे
— Ashutosh Tandon (@GopalJi_Tandon) July 21, 2020
11 जून को हुए थे भर्ती
लालजी टंडन को सांस लेने में परेशानी, बुखार और पेशाब में दिक्कत थी। जिसके कारण 11 जून को उन्हें लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लालजी टंडन की तबीयत दिन ब दिन बिगड़ती जा रही थी। इस वजह से उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को मध्य प्रदेश का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया था।
टंडन का 13 जून को ऑपरेशन किया गया था। हालत गंभीर होने पर उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया। बीच में दो दिन बाई-पैप मशीन पर रहे। मेदांता अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. राकेश कपूर के मुताबिक, लालजी टंडन के किडनी फंक्शन में दिक्कत थी।
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