लखनऊ।(www.arya-tv.com) उत्तर प्रदेश के पुलिस के अधिकारियों पर उंगली दिखाने वाले नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण अब उत्तर प्रदेश के पुलिस विभाग के मुखिया डीजीपी ओपी सिंह के निशाने पर आ गाए हैं। मीडिया से संवाद करके शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय मे कहा कि नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण का पुलिस पर उंगली उठाना रूल के खिलाफ है।
डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि वैभव कृष्ण ने सर्विस रूल के खिलाफ काम किया है। उत्तर प्रदेश में पुलिस विभाग में तबादला प्रकरण पर वैभव कृष्ण के सवाल उठाने पर डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि नोएडा के एसएसपी के वायरल वीडियो की जांच की जा रही है। डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि आज की यह प्रेस कॉन्फ्रेंस स्पष्टीकरण के लिए है। डीजीपी ओपी सिंह ने नोएडा प्रकरण में चुप्पी तोड़ी है। डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि एसएसपी नोएडा वैभव कृष्ण की रिपोर्ट पर एडीजी मेरठ जांच कर रहे हैं । वैभव कृष्ण से रिपोर्ट वायरल करने के मामले में स्पष्टीकरण मांगा गया है।
गौतमबुद्धनगर के एसएसपी वैभव कृष्ण के सोशल मीडिया पर वायरल कथित वीडियो से शुरू हुई कहानी में अब शासन स्तर के अधिकारी तक सवालों के घेरे में हैं। एसएसपी ने अपर मुख्य सचिव गृह और डीजीपी को भेजे जाने के दावे के साथ जो पत्र सार्वजनिक किए हैं, उन्होंने लखनऊ तक सनसनी फैला दी है। जिम्मेदार अधिकारी तो इसके बावजूद दायें-बायें बचने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे उतनी ही गंभीरता से लिया है।
कुछ भी कहने से बच रहे अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी से ही उन्होंने रिपोर्ट तलब कर ली है। गौतमबुद्धनगर में आइटी एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे की विवेचना में सहयोग के लिए एसटीएफ को भी लगाया गया है। आइजी कानून-व्यवस्था प्रवीण कुमार त्रिपाठी का कहना है कि प्रथम दृष्टया वायरल वीडियो फर्जी प्रतीत हो रहा है। प्रकरण में गौतमबुद्धनगर में दर्ज कराई गई एफआइआर की जांच एसपी हापुड़ संजीव सुमन को सौंपी गई है।
आइजी रेंज मेरठ अलोक सिंह के पर्यवेक्षण में जांच कराई जा रही है। उल्लेखनीय है कि कथित वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद गौतमबुद्धनगर के एसएसपी वैभव कृष्ण ने पांच आइपीएस अधिकारियों पर षड्यंत्र के आरोप लगाए हैं। डीजीपी ओपी सिंह व अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी को भेजी रिपोर्ट का हवाला देते हुए वैभव कृष्ण ने कहा है कि उन्होंने पत्रकारिता के नाम पर संगठित गिरोह चलाने वाले कथित पत्रकारों उदित गोयल, सुशील पंडित व चंदन राय को जेल भेजा था। इसी मामले में लखनऊ के नितीश शुक्ला के खिलाफ भी कार्रवाई हुई थी।
चंदन की आइपीएस अजयपाल शर्मा, आइपीएस सुधीर सिंह , आइपीएस हिमांशु कुमार, आइपीएस राजीव नारायण मिश्रा व आइपीएस गणेश साहा के साथ ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर की गई बातचीत व वाट्सएप चैटिंग जांच में सामने आई थी। तभी से मेरे खिलाफ लगातार साजिश हो रही है। अब निजी स्तर पर बदनाम करने के लिए फेक वीडियो वायरल कराए जा रहे हैं। डीजीपी मुख्यालय को भेजे गए इस पत्र को लेकर अब तक आला अधिकारी मौन साधे हुए हैं।
वैभव कृष्ण की रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि वह प्रयागराज में हैं। इस बारे में चेक करके बताएंगे। वहीं, मुख्यमंत्री ने अपर मुख्य सचिव गृह से पूरे प्रकरण पर रिपोर्ट तलब कर ली है। सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने एसएसपी गौतमबुद्धनगर वैभव कृष्ण द्वारा डीजीपी मुख्यालय व गृह विभाग को भेजी गई रिपोर्ट के मामले में सीबीआइ जांच कराने की मांग की है।
डॉ.नूतन के अनुसार उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि वैभव कृष्ण ने रिपोर्ट देकर पांच आइपीएस अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की गंभीर शिकायत की, लेकिन उसमें कोई कार्रवाई न होना आपत्तिजनक है। नूतन ने आरोप लगाया कि वैभव कृष्ण ने जिन पांच आइपीएस अधिकारियों के नाम लिए हैं, वे डीजीपी ओपी सिंह के खास माने जाते हैं। उन्होंने वैभव कृष्ण की रिपोर्ट की सीबीआइ जांच कराने के साथ ही संबंधित वायरल वीडियो की जांच उनसे कनिष्ठ अधिकारी एसपी संजीव सुमन के बजाए गैर राज्य की साइबर सेल से कराए जाने की मांग भी की है।
