समाजवादी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी पर बड़ा हमला बोलते हुए आरोप लगाया है कि वह S.I.R लागू कर संविधान और लोकतंत्र दोनों पर हमला कर रही है. सपा ने दावा किया कि भाजपा की मंशा जनता से वोट देने का अधिकार छीनने की है, क्योंकि उसे अपनी हार साफ दिख रही है.
अखिलेश यादव ने अब अपने सोशल मीडिया प्लेट्फॉर्म एक्स के हैंडल से ट्वीट कर बीजेपी पर हमला करते हुए कई बड़े आरोप लगाए हैं. वहीं उन्होंने कहा है कि बीजेपी S.I.R के जरिए संविधान का विरोध कर रही है.
अखिलेश यादव ने ट्वीट कर बीजेपी को घेरा
“भाजपा S.I.R को लागू करके संविधान का ही विरोध कर रही है. जबकि हमारे द्वारा S.I.R का विरोध ‘संविधान’ को ही बचाने की कोशिश है. ये हारती हुई भाजपा की निशानी है. जनता भाजपा के ख़िलाफ़ वोट न डाल सके, इसीलिए वो जनता से वोट देने का अधिकार छीनना चाहती है.”
“वर्चस्ववादी भाजपा की एकतंत्री विचारधारा में चुनाव की अवधारणा है ही नहीं. वहाँ तो मनमर्ज़ी का मनोनयन चलता है.” अखिलेश यादव ने गंभीर आरोप लगाते हुए दूसरे ट्वीट में लिखा है कि, “जाति के आधार पर होती है तैनाती, टारगेट मिलता है फर्जी वोटिंग का”
अखिलेश यादव ने लगाया ये आरोप
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इस मसले पर बड़ा बयान देते हुए बड़ा आरोप लगाया है, उन्होंने कहा है कि “जब प्रसाइडिंग ऑफिसर बनते हैं तो वह जाति के आधार पर तय करते हैं, उसके बाद पुलिस की पोस्टिंग उस हिसाब से होती है, फिर टारगेट दिया जाता है कि फर्जी वोट डालेंगे आप.”
यह बयान भाजपा के चुनावी तंत्र पर सीधा सवाल खड़ा करता है. अखिलेश यादव ने इशारा किया कि प्रशासनिक स्तर पर मिलीभगत कर चुनाव को प्रभावित करने की कोशिशें हो रही हैं. उनके मुताबिक, यह साजिश जातीय आधार पर अधिकारियों की तैनाती से शुरू होती है और फर्जी वोटिंग तक जाती है.
लोकतंत्र पर खतरे की बात दोहराई
अखिलेश यादव का कहना है कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार की नीयत में लोकतंत्र को बचाने का नहीं, बल्कि नियंत्रित करने का प्रयास है. पार्टी ने S.I.R के खिलाफ अपने विरोध को संविधान और लोकतांत्रिक व्यवस्था की रक्षा की लड़ाई बताया.
फिलहाल अब तक भाजपा की ओर से इन आरोपों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है. लेकिन विपक्ष के तीखे तेवरों से साफ है कि आगामी चुनावों को लेकर राजनीतिक संघर्ष और भी तेज होगा