अमौसी एयरपोर्ट की 60 बीघा सरकारी जमीन का फर्जी पट्‌टा कराया:लेखपाल से 30 करोड़ की वसूली होगी

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(www.arya-tv.com)  मध्य प्रदेश सरकार के लेखपाल अक्सर करोड़ों का खेल करते हुए पकड़े जाते हैं। लेकिन यूपी के लेखपाल भी इसमें पीछे नहीं है। ऐसा ही एक मामला लखनऊ का सामने आया है। सरोजनीनगर में तैनात एक लेखपाल ने अमौसी एयरपोर्ट की जमीन को अपने बेटे के नाम ट्रांसफर करवा दी। फिर सरकारी 30 करोड़ का मुआवजा भी दिलवा दिया।

गड़बड़ी पकड़े जाने के बाद लेखपाल सुशील कुमार शुक्ला को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि सुशील कुमार शुक्ला उत्तर प्रदेश लेखपाल की जिला शाखा, लखनऊ का 4 बार अध्यक्ष रहा है। डीएम सूर्यपाल गंगवार अभी भी अमौसी गांव की जमीनों की जांच करवा रहे हैं। डीएम का कहना है कि जो जमीन अपने बेटे के नाम लेखपाल सुशील कुमार शुक्ला ने ट्रांसफर करवाई थी, वह वापस ले ली गई है। अब वसूली का नोटिस जारी किया जा रहा है।

लेखपाल ने बेटे के नाम दान करवाई जमीन
अमौसी गांव में तैनात लेखपाल सुशील ने सरकारी जमीन का फर्जी पट्टा कर दिया। उसके बाद यह जमीन कागजों में बिक गई। इस पर 103 लोग काबिज हो गए। जिला प्रशासन की जांच में सामने आया कि जमीन का एक हिस्सा एक शख्स विशाल तिवारी के नाम दर्ज किया गया, जिसे बाद में विशाल तिवारी ने लेखपाल सुशील कुमार शुक्ला के बेटे परितोष को दान में दे दिया। यह पूरा फर्जीवाड़ा वर्ष 2002 से लेकर 2010 के बीच में किया गया। इसके बाद जब अमौसी हवाई अड्‌डा का विस्तार किया गया। तो इस जमीन की कीमत करीब 30 करोड़ लगाई गई। ये मुआवजा सुशील कुमार के बेटे परितोष को मिला।

डीएम सूर्य पाल गंगवार ने कुछ महीने पहले जमीनों की जांच शुरू कराई। एसडीएम सिद्धार्थ को विशेष तौर पर वहां इसी कार्य के लिए तैनात किया गया। जांच में यह फर्जीवाड़ा सामने आया। हाल ही में लेखपाल सुशील कुमार शुक्ला को बर्खास्त कर दिया गया। हड़पी गई 60 बीघा से अधिक सरकारी जमीन को सरोजनीनगर तहसील प्रशासन वापस सरकारी खातों में दर्ज कर दिया है।

एयरपोर्ट के पास क्लास-A की जमीन का मामला
जमीन का वो टुकड़ा, जो सुशील के बेटे के हिस्से में दान में आया है। यह जमीन अमौसी औद्योगिक क्षेत्र के क्लास-ए में आती है। डीएम सूर्य पाल गंगवार ने बताया कि जो जमीन लेखपाल ने हड़पी थी, उनको वापस ले लिया जा रहा है। पूरी जमीन की कीमत करीब 30 करोड़ का वसूली नोटिस जारी किया जा रहा है।

अभिलेखों में अमौसी की जमीनों की जांच जारी
लेखपाल का फर्जीवाड़ा भले ही पकड़ में आ चुका हो। लेकिन, अभी ये मामला शांत नहीं हुआ है। डीएम ने एसडीएम को अमौसी में स्थित सरकारी जमीनों की सूची तैयार करने का निर्देश दिया है। राजस्व परिषद में सुरक्षित दस्तावेजों से उनका मिलान किया जा रहा है। ऐसे में यदि कोई दस्तावेजी छेड़छाड़ हुई होगी, तो वह सामने आ जाएगी। जिलाधिकारी का निर्देश है कि सभी सरकारी जमीनों की जांच करके अवैध कब्जे की स्थिति में कार्रवाई की जाए। जमीन को वापस सरकारी खाते में दर्ज किया जाए।

जिंदा को मरा बता फर्जी पत्नी के नाम करा दी थी वरासत, दर्ज हुई थी FIR
इसके पहले 28 मई, 2023 को भी लेखपाल सुशील कुमार शुक्ला के खिलाफ FIR दर्ज हो चुकी है। साथ ही उसके बेटे परितोष को भी आरोपी बनाया गया था।

दरअसल, लखनऊ में जिंदा युवक को मरा हुआ दिखाने के लिए उसका फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाया गया था। इसके बाद एक महिला को उसकी पत्नी बता दिया गया। फर्जी आधार कार्ड समेत दूसरे दस्तावेज बना कर फर्जी पत्नी के नाम करीब एक हेक्टेयर जमीन की वरासत कर दी गई।

इस बात का पता तब चला, जब जिस युवक को मरा हुआ दिखाया गया था, उसने एक गिफ्ट डीड कर दी। इस फर्जीवाड़े में लेखपाल सुशील कुमार शुक्ला को शामिल पाया गया था।