उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अब आने वाले दिनों में आशियाना महंगा होने जा रहा है. जमीनों के दाम महंगे होने जा रहे हैं. इसकी वजह है नया सर्किल रेट जो एक अगस्त से लागू किया जाएगा. जिसके लिए प्रस्तावित दरों पर आपत्तियों और सुझावों पर कलेक्ट्रेट में चर्चा होगी.
नया सर्किल रेट की प्रस्तावित दरों को लेकर लखनऊ कलेक्ट्रेट में बैठक होने जा रही है. इस बैठक में नये सर्किल रेट को लेकर कुल 49 आपत्तियां और सुझाव आएं हैं जिनमें सबसे अधिक आवासीय कालोनियों में दरों को कम करने की मांग की गई है.
आवासीय कालोनियों में सर्किल रेट कम करने की मांग
इन आपत्तियों में आवासीय कालोनियों में कई गुना दरें बढ़ाने को लेकर आपत्तियां दर्ज कराई गई हैं, जिन पर अपर जिलाधिकारी राजस्व राकेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में बनी कमेटी निस्तारण करेगी. बैठक में इन सभी आपत्तियों पर चर्चा होगी और समाधान निकालने की कोशिश की जाएगी.
प्रशासन ने जो दरें प्रस्तावित की हैं उनमें कृषि, आवासीय और व्यवसायिक जमीनों के अलावा अपार्टमेंट की दरों में 25 से लेकर 50 तक बढ़ोतरी की गई है. कई आवासीय कालोनियां जहां पर व्यावसायिक गतिविधियां भी हो रही हैं वहां सर्किल रेट से दो गुने से अधिक की बढ़ोतरी प्रस्तावित की गई है.
प्रशासन ने संशोधित दरों पर 17 जुलाई तक आपत्तियां और सुझाव मांगे थे. इन आपत्तियों को 18 से 27 जुलाई के बीच निस्तारित किया जाएगा और एक अगस्त से नई दरें लागू कर दी जाएंगी.
दस साल बाद सर्किल रेट में बदलाव
लखनऊ में दस साल बाद सर्किल रेट में बदलाव किए गए हैं. मसौदे के मुताबिक़ नई दरें लागू होने के बाद कृषि आवासीय और व्यवसायिक जमीन खरीदना 25 से लेकर 50 फ़ीसद तक महंगा हो जाएगा. कुछ ख़ास कालोनियों में तो मौजूद सर्किल रेट से दो गुना अधिक कर बढ़ोतरी प्रस्तावित है.
नया सर्किल रेट लागू होने से लखनऊ में घर खरीदना महंगा हो जाएगा इसके साथ ही किसानों को ज़मीन की बेहतर क़ीमत मिल सकेगी. इससे राजस्व विभाग को भी फायदा होगा और ज्यादा रेवेन्यू मिल सकेगा.