(www.arya-tv.com) उत्तर प्रदेश में पशुपालन घोटाले में फरार चल रहे IPS अरविंद सेन पर सोमवार रात 25 हजार का इनाम लखनऊ पुलिस ने घोषित किया है। वहीं, मुकदमे में वांछित 50 हजार के इनामी निलंबित सिपाही दिलबहार सिंह यादव को गिरफ्तार कर लिया गया। दिलबहार ने सोमवार को विशेष अदालत में जमानत अर्जी दाखिल की थी।
संभावना थी कि वह मंगलवार यानी आज अदालत में सरेंडर कर सकता है। लेकिन इससे पहले ही पुलिस कमिश्नर DK ठाकुर की टीम ने यादव को गिरफ्तार कर लिया। अब तक इस मुकदमे में 9 आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।
IPS अरविंद सेन की अर्जी खारिज
वांछित सीनियर IPS अफसर अरविंद सेन के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट को रिकाल करने की मांग वाली अर्जी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष अदालत ने खारिज कर दिया है। बीते 10 दिसंबर को विशेष जज संदीप गुप्ता ने इस मामले की विवेचक व एडीशनल कमिश्नर ऑफ पुलिस गोमतीनगर, श्वेता श्रीवास्तव की अर्जी पर अरविंद सेन के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया था।
सोमवार को विशेष अदालत में अरविंद सेन की ओर से गैर जमानती वारंट को रिकाल करने की अर्जी दी गई। यह कहते हुए कि इस मामले में उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई विचाराधीन है। ऐसे में इस दौरान उनकी गिरफ्तारी से अग्रिम जमानत याचिका आधारहीन हो जाएगी। लिहाजा उनके विरुद्ध जारी गैर जमानती वारंट को रिकाल किया जाए।
दो साल पहले खुली थी पोल
साल 2018 में पशुधन घोटाले की पोल तब खुली थी, जब इंदौर के व्यापारी मंजीत सिंह भाटिया ने लखनऊ के हजरत गंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवाया था। पीड़ित ने आरोप लगाया था कि पशुधन विभाग में 214 करोड़ के टेंडर देने के एवज में तीन फीसदी कमीशन का प्रस्ताव मिला था। जिस पर एक फीसदी कमीशन के तौर पर एक करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया था। आरोप है कि 31 अगस्त को उसे फिर बुलाया गया और पशुपालन विभाग के विधानसभा सचिवालय स्थित सरकारी कार्यालय में आशीष राय ने खुद को एसके मित्तल बताकर उससे मुलाकात की और फर्जी वर्क ऑर्डर की कापी दी। फिर उससे कई बार करोड़ों रुपए वसूले गए।