(www.arya-tv.com) पूर्वोत्तर रेलवे के अलग-अलग स्टेशनों में 25 नाबालिग लड़के लड़कियां घूम रहे थे. गश्त कर रहे रेलवे सुरक्षा बल के जवानों और एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने इनको अकेला देखा और करीब गए तो कई बच्चे भागने लगे, कुछ सकपता गए. जीआरपी ने बहला फुसलाकर पूछा तो कुछ बच्चों ने सच्चाई उगल दी, जिसे सुनकर जवान सन्न रहे गए.
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनंसपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि रेलवे सुरक्षा बल और एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने गश्त के दौरान अलग-अलग रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों से 25 नाबालिग बच्चे मिले. इनमें लड़के और लड़कियां दोनों शामिल हैं. इनकी उम्र 6 साल से लेकर 14 साल के बीच है. इनमें से कई बच्चों ने बताया कि उन्हें बहला फुसलाकर और सपने दिखाकर लाया गया था. इनकी निगरानी के लिए लोग थे, जो जीआरपी को देख फरार हो गए.
यहां से बरामद किए
10 जुलाई रेलवे सुरक्षा बल एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट द्वारा देवरिया सदर के प्लेटफार्म संख्या-2 से 10 वर्ष की एक लावारिस लड़की मिली, जिसे चाइल्ड लाइन देवरिया को सुपुर्द किया गया. रेलवे सुरक्षा बल मऊ द्वारा प्लेटफार्म संख्या-02 से 06, 12 एवं 13 वर्ष की तीन बच्चियों को लावारिस हालत में पाकर चाइल्ड लाइन मऊ को सुपुर्द किया गया.रेलवे सुरक्षा बल लखनऊ जं0 को प्लेटफार्म संख्या-3 पर 10 एवं 13 वर्ष के दो लावारिस लड़के मिले. रेलवे सुरक्षा बल गोरखपुर को प्लेटफार्म संख्या-02 पर 09 वर्ष का एक लावारिस बच्चा गुमशुम अवस्था में मिला. रेलवे सुरक्षा बल सीतापुर को प्लेटफार्म संख्या-3 पर 08 वर्ष का एक लड़का लावारिस हालत में मिला. रेलवे सुरक्षा बल एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट को ट्रेन संख्या-19037 में 10 वर्ष का एक बच्चा लावारिस हालत में मिला. 9 जुलाई को रेलवे सुरक्षा बल एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट छपरा को प्लेटफार्म संख्या-1 पर 12 वर्ष की एक लड़की तथा 08 एवं 11 वर्ष के दो बच्चे मिले. रेलवे सुरक्षा बल वाराणसी सिटी को प्लेटफार्म संख्या-4 पर 09 वर्ष का एक बच्चा लावारिस हालत में रोते हुये मिला.