भारतीय संस्कृति व संस्कार विश्व को एकता के सूत्र में पिरोने में स़क्षम, रवाना होंगे पं. हरि ओम शर्मा ‘हरि’ और श्रीमती मायादेवी शर्मा

Lucknow UP

लखनऊ।(www.arya-tv.com) भारतीय संस्कृति, संस्कार व सामाजिक सरोकार, तीन ऐसे सूत्र हैं जो विश्व को एकता के सूत्र में पिरोने में सक्षम हैं भारतीय संस्कृति में रचे-बसे जीवन मूल्य, संस्कार व सामाजिक सरोकार विश्व मानवता का उत्थान व विकास में सतत् भूमिका निभा रहे हैं। यह विचार हैं प्रख्यात साहित्यकार पं. हरि ओम शर्मा ‘हरि’ के, जो इंग्लैण्ड रवाना होने से पूर्व आज यहां सी एम एस कानपुर रोड आॅडिटोरियम में आयोजित एस प्रेस कान्फ्रेन्स व अभिनन्दन समारोह में बोल रहे थे। उस बवसर पर सिटी मोन्टेसरी स्कूल के संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा, जगदीश गांधी समेत शिक्षा, समाज, पत्रकारिता, साहित्य जगत एवं सामाजिक संस्थाओं के प्रतिष्ठित नागरिक उपस्थित थे।

प्रेस कान्फ्रेन्स में बोलते हुए, सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा जगदीश गांधी ने कहा कि हिन्दी साहित्य जगत के सशक्त हस्ताक्षर पं. हरि ओम शर्मा ‘हरि’ उवं उनकी पत्नी शिक्षाविद् श्रीमती मायादेवी शर्मा इंग्लैण्ड के जनमानस में भारतीय संस्कृति, संस्कार एवं वसुधैव कुटुम्बकम की भावना का अजख जगान हेतु 20 दिसंबर शुक्रवार को 15 दिवसीय यात्रा पर इंग्लैण्ड रवाना हो रहे हैं। उस याखा के दौरान पं शर्मा विभिन्न सामाजिक संस्थानों, शैक्षिक संस्थानों, हिन्दीभाषी स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों एवं अन्य ख्यातिप्राप्त हस्तियों से मुलाकात कर भारतीय संस्कृति, संस्कार व सामाजिक सरोकारों पर महत्वपूर्ण चर्चा-परिचर्चा करेंगे।

डा. जगदीश गांधी ने आगे कहा कि पं. शर्मा जी की यह यात्रा हम सभी के लिए गौरव का विषय है। मैं उन्हें अत्यन्त सफल यात्रा की शुभकामानाएं देता हूँ। मुझे विश्वास है कि पं शर्मा की जी उस यात्रा से भारतीय संस्कृति व सभ्यता का परचम पूरे विश्व में लहरायेगा। डा गांधी ने आगे कहा कि पं शर्मा सिर्फ लेखक ही नहीं अपितु किशोरों व युवाओं के लिए मार्गदर्शक भी हैं। आपने अपनी लेखनी से युवा पीढ़ी को दिखाने जा रहे हैं।

इस अवसर पर विभिन्न सामाजिक संस्थाओें एवं प्रबुद्ध हस्तियों द्वारा पं. हरि ओम शर्मा हरि’ का अभिनन्दन किया गया एवं सभी ने उनकी सफल यात्रा हेतु शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर सी.एम.एस. संस्थापक डा. जगदीश गांधी एवं उत्तर प्रदेश जिला मान्यता प्राप्त उसोसिएशन के महामंत्री श्री अब्दुल वहीद, प्रदेश सचिव श्री जुबेर अहमद समेत बढ़ाने हेतु हार्दिक शुभकामनाएं दी। विदित हो कि पं. हरि ओम शर्मा उत्तर प्रदशे जिला मान्यता प्राप्त उसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष हैं।

प्रेस कान्फ्रेन्स में पत्रकारों को सम्बोधित रकते हुए पं. हरि ओम शर्मा ‘हरि’ ने कहा कि इंग्लैण्ड की उस यात्रा के दौरान मैं व मेरी पत्नी श्रीमती मायादेवी शर्मा ग्रेट ब्रिटेन के नव-निर्वाचित प्रधानमंत्री श्री.बोरिस जाॅनसर से मुलाकात करेंगे, जिन्हें मैं अपनी दो पुस्तकें भेंट करूँगा एवं अभी हाल ही में इंग्लैण्ड में सम्पन्न हुए आम चुनावों में कन्जर्वेटिव पार्टी की अभूतपूर्व सफलता की बधाई भी दूँगा। इसके लिए मैने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री से समय माँगा है और मुझे समय मिलने की पूरी उम्मीद है।

श्री शर्मा ने आगे कहा कि भारत की संस्कृत व सभ्यता लोहा पूरी दुनिया मानती है। विदेशों से लोग यहॅां आकर हमारी जीवन मूल्यों के में जानकारी प्राप्त करते हैै। परन्तु विडम्बना यह है।कि दुनिया को एकता के सूत्र में पिरोन वाली एवं शन्तिएव सौहार्द व स्थिापित करने वाली इस संस्कृति का विश्व समाज में अपेक्षित प्रचार प्रसार नहीं हुआ है। इसके उलट विखंडनवादी पश्चिमी सभ्यता पूरे विश्व में पैर पसार रहीं है। इस यात्रा के दौरान मेरा भारपूर प्रयास रहेगा कि अधिक से अधिक शैक्षिक व सामाजिक संस्थानों व रव्यापिप्राप्त हस्तियों से मुलाकात कर दोनों देशों के बीच विचारों के आदान प्रदान एवं अंर्त सॉंस्कृतिक सम्बन्धों की मजबूती के रास्ते तलाशे जाएं और इन्हें बढ़ावा दिया जाए। श्री शर्मा ने जोर देते हुए कहा है कि मेरी यह यात्रा की सीण्एमण्एस के विश्व एकता एविश्व शान्ति व बन्धुत्व के मिशन को आगे बढ़ाने की क कड़ी है।

श्री चैरसिया ने बताया कि पं. शर्मा की लेखनी सतत् गतिमान है और उनकी 17वीं पुस्तक शीघ्र ही प्रकाशित होने वाली है। आपकी पुस्तकों को सिर्फ देश में ही नहीं अपितु विदेशों में भी बहुत सराहा गया है। तत्कालीन राष्ट्रपति डा. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम व डा प्रतिभा देवी सिंह पाटिल, तत्कालीन प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह, माॅरीशस के तत्कालीन राष्ट्रपति श्री आनिरुद्ध जुगनाथ एवं नेपाल के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री पुष्प् कमल दहत ‘प्रचंड’ समेत देश-विदेश की अनेकों हस्तियों ने पं शर्मा के लेखन का सराहा है। श्री शर्मा जी की पुस्तकें अब इंग्लैण्ड में भारतीय संस्कृति, सभ्यता व संस्कारों व संस्कारों का परचम लहराने जा रही है, जो लखनऊ के लिए गर्व की बात है।