गोल्फ-क्लब में कुर्ता पहने पूर्व मेयर के बेटे को रोका:लोअर-टीशर्ट मंगवाई गई

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(www.arya-tv.com) राजधानी लखनऊ स्थित गोल्फ क्लब में कुर्ता-पायजामा पहनकर पहुंचे प्रशांत भाटिया को रोक दिया गया। उनको क्लब में एंट्री नहीं दी गई। प्रशांत लखनऊ की पूर्व मेयर संयुक्ता भाटिया के बेटे हैं। रविवार को वह क्लब में होने वाली एक बैठक में शामिल होने पहुंचे थे। जब उनको रोक दिया गया तो वह बिना मीटिंग में शामिल हुए वापस चले गए। बाद में उनको समझा कर बुलाया गया। इसके बाद वह कुर्ता-पायजामा में ही मीटिंग में शामिल हुए।

कुर्ता-पायजामा को लेकर हुए विवाद के दौरान डिविजनल चेयरमैन ने प्रशांत भाटिया के लिए लोवर-टीशर्ट मंगवाई। उनसे कहा कि ड्रेस चेंज करके वह अंदर आ जाएं। मगर, उन्होंने ये कपड़े पहनने से इनकार कर दिया। इसके बाद वह नाराजगी जताते हुए लौट आए। गोल्फ क्लब मुख्यमंत्री आवास के बगल में स्थित है।

प्रशांत भाटिया बोले- ड्रेस कोड में भारतीय परिधानों को भी शामिल करें
प्रशांत भाटिया ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा, “कल यानी रविवार को जब मैं चेयरमैन की बैठक में शामिल होने गया, तो मुझे रोक दिया गया। मुझसे कहा गया कि कुर्ता-पायजामा पहन कर आए हैं। इसलिए आपको एंट्री नहीं मिलेगी। मेरे लिए लोअर-टीशर्ट भी मंगवाया गया। लेकिन, मैंने उसे पहनने से इनकार कर दिया। इसके बाद मैं लौट गया।”

प्रशांत ने कहा, “इस पूरे मामले की शिकायत मैंने क्लब के अध्यक्ष मुकुल सिंघल से की है। कहा है कि नियमावली में परिवर्तन करके ड्रेस कोड में भारतीय परिधानों को भी शामिल किया जाए। हमें दासता की मानसिकता से बाहर निकलना चाहिए।” वहीं, इस पूरी घटना को लेकर पूर्व मेयर संयुक्ता भाटिया ने भी नाराजगी जताई है।

चेयरमैन मुकुल सिंघल बोले-हमारे क्लब का एक ड्रेस कोड है
गोल्फ क्लब के चेयरमैन मुकुल सिंघल ने कहा, “यह कोई पहली ऐसी घटना नहीं है। इससे पहले भी ये सारी चीजें हो चुकी हैं। हमारे क्लब का एक ड्रेस कोड है। उसको ही फॉलो करना होता है। जहां तक रही बात नियमावली में संशोधन करने की, तो यह जनरल बॉडी मीटिंग के जरिए ही संभव हो सकता है।”

गोल्फ क्लब के मौजूदा अध्यक्ष मुकुल सिंघल हैं। क्लब की वेबसाइट के मुताबिक, इसका ड्रेस कोड लोअर, टीशर्ट, कैप और स्पोर्ट्स शू है।

2018 में भी हुआ था कुर्ता-पायजामा विवाद
यह पहली बार नहीं है जब कुर्ता-पायजामा को लेकर क्लब में विवाद हुआ है। इससे पहले, जुलाई 2018 में भी इसी तरह का विवाद सामने आया था। तब चंदौली के एक अधिकारी को क्लब में घुसने से रोका गया था। क्योंकि, वह कुर्ता-पायजामा पहन कर आए थे।