नरभक्षी राजा कलन्दर को उम्रकैद की सजा, 25 साल पुराने केस में कोर्ट ने सुनाया फैसला

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प्रयागराज का कुख्यात अपराधी राजा कलन्दर उर्फ राम निरंजन और उसका साथी बच्छराज अब अपनी बाकी ज़िंदगी जेल में ही गुजारेंगे. सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश रोहित सिंह की अदालत ने 23 मई को इन दोनों को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई है. दोनों को यह सज़ा लखनऊ के नाका थाने में दर्ज हत्या, अपहरण और लूट के एक सनसनीखेज मामले में दी गई है.

यह मामला साल 2000 का है. अभियोजन के मुताबिक, राजा कलन्दर और उसके साथियों ने एक सुनियोजित साजिश के तहत मनोज कुमार सिंह और उनके ड्राइवर रवि श्रीवास्तव उर्फ गुड्डू का अपहरण किया था.  दोनों की नृशंस हत्या कर दी गई थी और उनके शव गढ़वा के जंगल में फेंक दिए गए थे, ताकि पहचान ही न हो सके.

सरकारी वकील एम.के. सिंह ने अदालत को बताया कि यह मामला आम नहीं, बल्कि पेशेवर और संगठित अपराध का है. आरोपी पहले से कई आपराधिक मामलों में शामिल रहे हैं. राजा कलन्दर के फार्म हाउस से बड़ी संख्या में नरकंकाल और नरमुंड बरामद हो चुके हैं. उस पर पहले भी आजीवन कारावास की सज़ा हो चुकी है. कई अपराधों पर वेब सीरीज भी बन चुकी है.

जज ने क्या कहा?

न्यायाधीश ने कहा कि यह अपराध सामान्य लोगों का नहीं, बल्कि असाधारण और दुस्साहसी अपराधियों का काम है. अभियुक्तों ने सामाजिक भय का माहौल बनाया और निर्दोष लोगों की जान ली.

हालांकि अभियोजन ने मृत्युदंड की मांग की  थी, लेकिन न्यायालय ने इसे ‘दुर्लभ से दुर्लभतम’ मामलों की श्रेणी में नहीं माना. कोर्ट ने राजा कलन्दर और बच्छराज को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत क्रमशः 10-10 साल, 7 साल और आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई है. साथ ही, उन पर लाखों रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.

परिजनों को मिलेगा मुआवजा

कोर्ट ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 357 के तहत आदेश दिया है कि आरोपियों पर लगाए गए जुर्माने की राशि का 40-40% मृतक मनोज सिंह और रवि श्रीवास्तव के परिजनों को बतौर मुआवजा दिया जाएगा. शेष 20% राशि राज्य सरकार के व्ययों की पूर्ति में दी जाएगी.

कौन है राजा कलन्दर? 

राजा कलन्दर उर्फ राम निरंजन पूर्वांचल का कुख्यात अपराधी है. उसकी कहानी पर कई वेब सीरीज और टीवी शो बन चुके हैं. आरोप है कि उसके फार्महाउस में नरबलि जैसी गतिविधियाँ भी होती थीं. पुलिस को वहां से नरकंकाल और मानव खोपड़ियां मिली थीं. वर्षों तक वह कानून से बचता रहा, लेकिन आखिरकार कानून के शिकंजे में फंस गया.

अब राजा कलन्दर और उसका साथी बच्छराज अपने काले कारनामों की सजा भुगतते हुए आजीवन जेल में रहेंगे. न्यायालय का यह फैसला ऐसे पेशेवर अपराधियों के लिए एक सख्त संदेश है.