गोलियों की तड़तड़ाहट से दहल उठा लाउदर रोड, जानें क्या है पूरा मामला

Prayagraj Zone UP

प्रयागराज(www.arya-tv.com) नौ जनवरी 1988। रात के 12 बजे थे। जार्जटाउन में लौदर रोड का इलाका अचानक तारों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा। दस मिनट तक लगातार गोलियां चलती रहीं और जब सब कुछ शांत हुआ तो खौफ का दूसरा नाम बन गया राजू भटनागर उतर पड़ा।

वह रात पुलिस के लिए बड़े कामयाबी के बारे में आई। अपहरण की एक के बाद एक वारदातों से बड़े व्यापारियों, उद्योगपतियों में राजू भटनागर के नाम की दहशत थी। उस पर लगाम लगा पाने की पुलिस की सारी कोशिशें नाकाम साबित होती रही थीं। अपहरण के एक बड़े मामले में फिर से पुलिस को राजू की तलाश थी।

तमाम शहरों में क्लकशी, दबिश के बाद भी उसका कुछ पता नहीं लग सका था। हर बीतते दिन के साथ ही पुलिस की चुनौती और बड़ी होती रही थी। इसी तरह वह दिन भी आया, जिसकी पुलिस को अरसे से तलाश थी। तारीख थी नौ जनवरी 1988 और रात थी रात 12 बजे।

लखनऊ के तत्कालीन एसपी सिटी एसएन सिंह को सूचना मिली कि राजू अपने साथियों के साथ इलाहाबाद में मौजूद है। अगले दिन सुबह 10 बजे वह अपनी कार बनवाने जार्जटाउन में मेडिकल कॉलेज के पास राज बरांव की कोठी के पास स्थित गैराज में आने वाला है।