गर्मी बढ़ने के साथ मंडराया लू का खतरा:अस्पताल में डिहाइड्रेशन के मरीजों की संख्या में इजाफा

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(www.arya-tv.com) गर्मी और लू के कारण रोजाना ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। तेज गर्मी में बढ़ोत्तरी होने के साथ राजधानी लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के तमाम जिले अब लू की चपेट में हैं। बड़े चिकित्सा संस्थानों, जिला अस्पतालों सहित निजी अस्पतालों में डिहाइड्रेशन और बुखार के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा हैं।

एक्सपर्ट्स आने वाले दिनों में लू के और गंभीर होने की आशंका के चलते हुए हिदायत दे रहे हैं। बुजुर्गों, बच्चों और प्रेग्नेंट लेडीज को ज्यादा अलर्ट रहने की बात कही जा रही हैं। वही स्वास्थ्य विभाग के बड़े अफसर फिलहाल प्रदेश में हालात नियंत्रण में होने के साथ पैनिक न होने की बात कह रहे हैं।

OPD में 30% फीसदी बढ़े डिहाइड्रेशन के मरीज

लखनऊ के बलरामपुर, सिविल और लोकबंधु समेत सभी बड़े अस्पतालों में डायरिया और डिहाइड्रेशन के मरीज तेजी से बढ़े हैं। OPD में ऐसे मरीजों की संख्या में फिलहाल 30% तक का इजाफा हुआ हैं। वही आने वाले दिनों में यह इसके और बढ़ने की आशंका हैं।

लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ रमेश गोयल ने बताया कि अस्पताल में रोजाना करीब 300 मरीज डिहाइड्रेशन जैसे लक्षण के आ रहे हैं। आम दिनों में यह संख्या कम थी और तेज धूप के कारण वायु और पेट विकार रोगियों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई हैं।

अस्पताल में चिकित्सक रोगियों का इलाज के साथ बचाव के उपचार के बारें में भी बता रहे हैं। बेहद आसान से बचाव के तरीकों को ध्यान में रखकर हालात से बचा जा सकता हैं।

बच्चों और बुजुर्गों का ज्यादा ख्याल रखने की जरूरत

डिहाइड्रेशन के लक्षण दिखने पर तत्काल ORS या इलेक्ट्रोल के घोल की शुरुआत होनी चाहिए। इसमें देरी हालात और बिगाड़ देती हैं। वही बुजुर्गों में यह ध्यान देना चाहिए कि कही ब्लड प्रेशर तेजी से गिर तो नही रहा। शरीर में पानी और नमक की कमी के कारण ब्लड प्रेशर में तेजी से गिरावट दर्ज होती हैं। यही कारण हैं कि उनकी निगरानी जरूरी हैं। हालात बिगड़ते ही मरीज को तत्काल अस्पताल में भर्ती किया जाना चाहिए।

सिविल अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर आरपी सिंह ने बताया कि गर्मी बढ़ने के साथ है अस्पताल में डायरिया अपाचे फूड प्वाइजनिंग और डिहाइड्रेशन के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है हालांकि अस्पताल की ओपीडी में फिजिशियन क्लीनिक में मौजूद डॉक्टर सभी का उपचार कर रहे हैं फिर भी जरूरत पड़ने पर मरीजों को इमरजेंसी वार्ड में भर्ती किया जा रहा हैं।