संसद के बजट सत्र का आगाज हो चुका है। सत्र की शुरुआत से पहले सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लेकर सोनिया गांधी की अगुवाई में विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर में प्रदर्शन किया और ‘गोली मारना बंद करो’ के नारे लगाए। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी सरकार की पहचान दलित, पीड़ित, शोषित महिलाओं को सशक्त करने की रही है। अभी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद संयुक्त सत्र को संबोधित कर रहे हैं। बजट सत्र से जुड़े हर अपडेट को यहां पढ़ें-
अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को हटाया जाना ऐतिहासिक है
संसद के दोनों सदनों द्वारा दो तिहाई बहुमत से संविधान के अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को हटाया जाना, न सिर्फ ऐतिहासिक है बल्कि इससे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के समान विकास का भी मार्ग प्रशस्त हुआ है। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का तेज विकास, वहां की संस्कृति और परंपराओं की रक्षा, पारदर्शी व ईमानदार प्रशासन और लोकतंत्र का सशक्तीकरण, मेरी सरकार की प्राथमिकताओं में हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जहां मार्च 2018 तक जम्मू-कश्मीर में लगभग 3,500 घर बनाए गए थे, वहीं दो साल से भी कम समय में 24,000 से ज्यादा घरों का निर्माण पूरा किया गया है।
हिंसा समाज और देश को कमजोर करती है
सुप्रीम कोर्ट द्वारा रामजन्मभूमि पर फैसले के बाद देशवासियों द्वारा जिस तरह परिपक्वता से व्यवहार किया गया, वह भी प्रशंसनीय है। मेरी सरकार का स्पष्ट मत है कि पारस्परिक चर्चा-परिचर्चा तथा वाद-विवाद लोकतंत्र को और सशक्त बनाते हैं। वहीं विरोध के नाम पर किसी भी तरह की हिंसा, समाज और देश को कमजोर करती है। सरकार द्वारा पिछले पांच वर्षों में जमीनी स्तर पर किए गए सुधारों का ही परिणाम है कि अनेक क्षेत्रों में भारत की अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में अभूतपूर्व सुधार आया है। मेरी सरकार, ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के मंत्र पर चलते हुए, पूरी निष्ठा और ईमानदारी से काम कर रही है।
सात महीनों में संसद ने स्थापित किए काम करने के नए कीर्तिमान
हमारा संविधान, इस संसद से तथा इस सदन में उपस्थित प्रत्येक सदस्य से राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए देशवासियों की आशाओं-आकांक्षाओं की पूर्ति करने और उनके लिए आवश्यक कानून बनाने की अपेक्षा भी रखता है। मुझे प्रसन्नता है कि पिछले सात महीनों में संसद ने काम करने के नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। इस लोकसभा के पहले सत्र में, सदन द्वारा कार्य निष्पादन, पिछले सात दशकों में एक नया रिकॉर्ड रहा है।
राष्ट्रपति कोविंद बोले- यह दशक भारत के लिए महत्वपूर्ण है
राष्ट्रपति ने कहा, 21वीं सदी के तीसरे दशक के प्रारंभ में, संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए मुझे प्रसन्नता हो रही है। मैं पुन: नए वर्ष की शुभकामनाओं के साथ, सभी संसद सदस्यों को इस ऐतिहासिक अवसर का साक्षी होने के लिए बधाई देता हूं। यह दशक भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस दशक में, हमारी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होंगे। मेरी सरकार के प्रयासों से पिछले पांच वर्षों में इस दशक को भारत का दशक और इस सदी को भारत की सदी बनाने की मजबूत नींव रखी जा चुकी है।
संसद भवन पहुंचे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद भवन पहुंच गए हैं। मीडिया से बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे कार्यकाल और इस दशक का यह प्रथम बजट सत्र है। हम सबका प्रयास रहना चाहिए कि इस सत्र में इस दशक के उज्जवल भविष्य के लिए मजबूत नींव डालने वाला सत्र बना रहे। पीएम ने कहा कि आज राष्ट्रपति जी का अभिभाषण होगा और कल बजट पेश किया जाएगा। वैश्विक आर्थिक स्थितियों के संदर्भ में भारत किस प्रकार से फायदा उठा सकता है। अपनी आर्थिक गतिविधि को मजबूत बनाते हुए वैश्विक परिवेश का अधिकतम लाभ भारत को मिले। हमारी सरकार की पहचान, दलित, पीड़ित, शोषित, महिलाओं को सशक्त करने की रही है। इस दशक में भी हमारा उसी दिशा में बल रहेगा। पीएम ने कहा कि मैं चाहता हूं कि दोनों सदनों में आर्थिक विषय पर, सशक्तीकरण पर जोर दिया जाए।
संसद के बजट सत्र का पहला चरण शुक्रवार से शुरू हो रहा है। जहां राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण से सत्र की शुरुआत होगी। वहीं सरकार शुक्रवार को दोनों सदनों में आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेगी, जबकि शनिवार को आम बजट पेश किया जाएगा। इसके अलावा विपक्ष ने सीएए, एनआरसी को लेकर सरकार को घेरने की रणनीति बना ली है। इसी के तहत संसद भवन के बाहर कांग्रेस की अतंरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही हैं। कांग्रेस और विपक्षी सांसद लगातार नो एनआरसी, नो सीएए के नारे लगा रहे हैं।
नागरिकता संशोधन कानून, जेएनयू-जामिया में हिंसा पर हंगामा होना तय
दिल्ली विधानसभा चुनाव के बीच हो रहे बजट सत्र में नागरिकता संशोधन कानून, जेएनयू-जामिया में हिंसा, जम्मू-कश्मीर में नेताओं की नजरबंदी और आर्थिक सुस्ती के मसले पर हंगामा होना तय है। शुक्रवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण के जरिये मोदी सरकार अगले एक साल की अपनी योजनाओं का खाका पेश करेगी।
आर्थिक सुस्ती के बीच पेश हो रहे आम बजट पर लोगों की नजरें होंगी। खासतौर पर मध्य वर्ग, किसान, असंगठित क्षेत्र के कामगार आम बजट से काफी उम्मीदें लगाए बैठे हैं। ऐसे में सरकार के सामने आम बजट में उनकी अपेक्षाओं को पूरा करने का दबाव रहेगा। दिल्ली चुनाव को देखते हुए माना जा रहा है कि सरकार इसमें दिल्ली केंद्रित कुछ अहम घोषणा कर सकती है।
सर्वदलीय बैठक में विपक्ष के तीखे तेवर
सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने तीखे तेवर दिखाए। विपक्ष ने किसानों के मसले, सीएए के खिलाफ जारी आंदोलन, जेएनयू-जामिया विश्वविद्यालयों में हुई हिंसा और जम्मू कश्मीर में नेताओं की नजरबंदी जारी रहने पर सवाल उठाए।
आज रणनीति तय करेगा एनडीए
सत्ताधारी एनडीए में शामिल दल शुक्रवार को दोपहर बाद सत्र की रणनीति बनाएंगे। इस बैठक में विपक्ष की ओर से उठाए जाने वाले मुद्दों का जवाब देने की रणनीति बनेगी। सूत्रों का कहना है कि सरकार ने विपक्ष की ओर से उठाए जाने वाले सभी मुद्दों का आक्रामक जवाब देने का फैसला किया है।
बजट सत्र में 45 बिल पारित कराने पर है सरकार की नजर
केंद्र सरकार ने शुक्रवार से शुरू हो रहे बजट सत्र के दौरान संसद में 45 बिलों को पारित कराने के लिए कमर कस ली है। इसके साथ ही उसने अपने विधायी एजेंडे में सात आर्थिक मदों पर भी संसद की मुहर लगवाने का लक्ष्य तय किया है।
स्पीकर ने दिया रात्रिभोज
लोकसभा में सुचारु कामकाज के लिए स्पीकर ओम बिरला ने सभी दलों के नेताओं को डिनर दिया। इस दौरान बिरला ने सभी दलों से सुचारु कामकाज में सहयोग की अपील की। साथ ही आश्वस्त किया कि वह सभी दलों को बोलने का समान अवसर उपलब्ध कराएंगे।
बजट सत्र: राष्ट्रपति कोविंद बोले- विरोध के नाम पर हिंसा देश को कमजोर करती है
संसदीय मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी ने बताया कि शुक्रवार को आर्थिक सर्वे संसद में रखे जाने के बाद एक फरवरी की सुबह 11 बजे आम बजट पेश किया जाएगा, जिस पर 11 फरवरी तक चर्चा होगी। इसके बाद 2 मार्च को दोबारा दोनों सदन बजट सत्र के लिए आयोजित होंगे, जो 3 अप्रैल को संपन्न होगा। इस तरह 64 दिनों के बजट सत्र के दौरान कुल 31 दिन तक संसद बैठेगी। इनमें 9 बैठक पहले भाग में और 22 दूसरे भाग में रखी गई हैं। बजट सत्र के दोनों हिस्सों में रखे गए अंतराल के दौरान संसद की स्थायी समितियां विभिन्न मंत्रालयों व विभागों की तरफ से की गई अनुदान की मांग का परीक्षण करेंगी।