एशिया की टॉप यूनिवर्सिटीज की लिस्ट जारी, भारत में आईआईटी दिल्ली नंबर वन

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अभिषेक राय

(www.arya-tv.com) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली ने क्यूएस एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में भारत का टॉप स्थान बरकरार रखा है। इस साल कुल 294 भारतीय संस्थान इस रैंकिंग में शामिल हुए हैं, जिनमें 7 टॉप 100, 20 टॉप 200 और 66 टॉप 500 में जगह पाने में सफल रहे हैं।

भारत का प्रदर्शन
पिछले साल की तुलना में इस बार 36 विश्वविद्यालयों की रैंकिंग बेहतर हुई है, 16 की स्थिति समान रही और 105 की रैंकिंग में गिरावट दर्ज की गई है। भारत ने इस साल ‘पेपर्स प्रति फैकल्टी’ (Papers per Faculty) और ‘स्टाफ विद पीएचडी’ (Staff with PhD) जैसे मानकों में सबसे अधिक अंक हासिल किए हैं। भारत के 5 विश्वविद्यालय एशिया के टॉप 10 और 28 विश्वविद्यालय टॉप 50 में रहे हैं, जबकि 45 संस्थान ‘स्टाफ विद पीएचडी’ श्रेणी में एशिया के टॉप 100 में शामिल हैं।

अनुसंधान में भारतीय संस्थानों का प्रदर्शन
पश्चिम बंगाल का मौलाना अबुल कलाम आजाद यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी ‘Papers per Faculty’ में एशिया की नंबर 1 यूनिवर्सिटी रही।
इसके बाद भारथियार यूनिवर्सिटी, भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), अन्ना यूनिवर्सिटी, और IIT मद्रास का स्थान रहा।
‘Staff with PhD’ श्रेणी में NIT नागालैंड और मदर टेरेसा विमेंस यूनिवर्सिटी ने भारत में दूसरा स्थान साझा किया।
जबकि चौथे स्थान पर संयुक्त रूप से IISc, आईआईटी मद्रास, आईआईटी कानपुर, आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी भुवनेश्वर, आईआईटी पटना, आईआईटी रोपड़, IISER भोपाल और IIITDM रहे।

नए संस्थानों का प्रवेश
इस साल 137 नए विश्वविद्यालयों ने पहली बार QS एशिया रैंकिंग में जगह बनाई है, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।

क्यूएस की सीईओ जेसिका टर्नर ने क्या कहा
क्यूएस क्वाक्वेरेली साइमंड्स की सीईओ जेसिका टर्नर ने कहा, “भारत की उच्च शिक्षा में तेजी से परिवर्तन दिख रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) लागू होने के पांच साल बाद, भारत ने न केवल वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाई है बल्कि स्थानीय स्तर पर भी शिक्षा को मजबूत किया है। 130 से अधिक भारतीय विश्वविद्यालयों का क्यूएस एशिया रैंकिंग में शामिल होना यह दिखाता है कि भारत अब ज्ञान और नवाचार का वैश्विक केंद्र बनता जा रहा है।”