वित्तमंत्री की चेतावनी के बाद सजग हो गया LIC, दिसंबर तक आएगा IPO

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(www.arya-tv.com) देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) का IPO दिसंबर के अंत तक आ जाएगा। अगर इसमें देरी हुई भी को जनवरी की शुरुआत में इसे लाया जा सकता है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की चेतावनी के बाद ऐसा हो रहा है। इसके लिए LIC ने IPO लाने की प्रक्रिया तेज कर दी है।

किसी भी तरह से IPO दिसंबर तक लाने की योजना
सूत्रों के मुताबिक, सरकार किसी भी तरह से LIC के IPO को दिसंबर तक लाना चाहती है। इसके लिए LIC को जरूरी निर्देश दिए गए हैं। यही कारण है कि LIC ने इस मामले में तेजी लानी शुरू कर दी है। इसके पहले चरण में पिछले हफ्ते 10 मर्चेंट बैंकर्स को फाइनल किया गया था। इसमें देशी और विदेशी दोनों मर्चेंट बैंकर्स हैं।

मर्चेंट बैंकर्स की नियुक्ति पहली प्रक्रिया
दरअसल किसी भी IPO लाने की पहली प्रक्रिया मर्चेंट बैंकर्स की नियुक्ति होती है। बिना मर्चेंट बैंकर्स के IPO नहीं आ सकता है। मर्चेंट बैंकर्स ही कंपनी की वैल्यूएशन, IPO प्राइस, निवेशकों के रुझान आदि को बताते हैं। इनके बताने पर ही यह सब तय किया जाता है।

10 मर्चेंट बैंकर्स की नियुक्ति हुई
LIC ने किसी भी तरह से IPO को पार लगाने के लिए कमर कस लिया है। यही कारण है कि इसने 10 मर्चेंट बैंकर्स को नियुक्त किया है। LIC के प्रमुख मर्चेंट बैंकर्स में गोल्डमैन, सिटीग्रुप, नोमुरा, एसबीआई कैपिटल, जेएम फाइनेंशियल, एक्सिस कैपिटल, बैंक ऑफ अमेरिका, जेपी मोर्गन, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज और कोटक महिंद्रा कैपिटल शामिल हैं।

अक्टूबर में फाइल हो सकता है DRHP
सूत्रों के मुताबिक, इस संबंध में LIC अक्टूबर के पहले हफ्ते में सेबी के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रोसपेक्टस (DRHP) फाइल कर सकती है। LIC में सरकार विदेशी निवेशकों के भी रास्ते खोल रही है। खबर है कि सरकार 20% हिस्सेदारी विदेशी निवेशकों को दे सकती है। इसके लिए LIC एक्ट में बदलाव किया जाएगा।

देश में सबसे बड़ा IPO
यह IPO अब तक का सबसे बड़ा IPO देश में होगा। इसके जरिए सरकार 80 से 90 हजार करोड़ रुपए जुटा सकती है। सरकार इस चालू वित्त वर्ष में 1.75 लाख करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखी है जिसमें LIC का बड़ा योगदान होगा। LIC के पास 32 करोड़ पॉलिसीज हैं। 12 लाख एजेंट हैं। 1.14 लाख कर्मचारी हैं। इसकी कुल असेट्स 34 लाख करोड़ रुपए की है। LIC की सिंगापुर, बहरीन, केन्या, लंका, नेपाल, सउदी अरबिया और बांग्लादेश में सब्सिडियरी है। इसकी 10% हिस्सेदारी बेचने से सरकार को 1 से 1.15 लाख करोड़ रुपए मिल सकते हैं।

शेयरधारकों को मिल सकता है सरप्लस
उधर दूसरी ओर, LIC के IPO से पहले सरकार शेयरधारकों को सरप्लस पैसे को बांटने के लिए नियमों में बदलाव कर सकती है। वित्त विभाग और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन करने एवाली संस्था (DIPAM) इस पर काम कर रहे हैं। अभी LIC अपने सरप्लस का 5% हिस्सा शेयरधारकों के फंड में स्विच करती है। बाकी 95% हिस्सा सीधे पॉलिसीधारकों के फंड में जमा कर दिया जाता है। सरप्लस का मूल्यांकन सभी देनदारियों के बाद किया जाएगा।