(www.arya-tv.com) दिवालिया हो रहे पाकिस्तान आतंकवाद को पनाह देने से बाज नहीं आ रहा है। अमेरिका के ब्यूरो ऑफ काउंटरटेरिज्म की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान का आतंकवाद के खिलाफ रवैया सख्त होने के बजाय ढुलमुल ही रहा। उसने दिखावे के नाम पर मंद गति से कार्रवाई की है। इसी का नतीजा है कि साल 2020 की तुलना में 2021 में सामूहिक हत्याओं और आतंकी घटनाओं में इजाफा हुआ।
अमेरिकी की कंट्री रिपोर्ट्स ऑन टेररिज्म- 2021 के मुताबिक, पाकिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP), बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी और ISI-जैसे आतंकी संगठन पल रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, यह आतंकी संगठन लगातार पाकिस्तान के ही लोगों को निशाना बनाकर उनकी सामूहिक हत्याएं कर रहे हैं।
पाकिस्तान के बाहर भारत और अन्य देशों में आतंकी साजिश को अंजाम दे रहे और UN-अमेरिकी की आतंकी सूची में शामिल हक्कानी नेटवर्क, लश्कर और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों को भी पाकिस्तान में ही पनाह मिली हुई है। पाक ने जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मसूद अजहर पर केस चलाया, लेकिन आतंकी साजिश में कोई कमी नहीं आई।
चेतावनी: राजनीतिक अनिश्चितता बनी रही तो हालात और बदतर होंगे
पाकिस्तान में आम चुनाव अक्टूबर में होने की संभावना है। देश में जिस तरह की राजनीतिक अनिश्चतता का माहौल है, ऐसे में आर्थिक संकट और गहरा सकता है। यह आशंका एशिया इलेक्शन आउटलुक 2023 में जताई गई है। वैसे भी पाक कर्ज की किस्त चुकाने में नाकामी की कगार पर है।
बिगड़ते आर्थिक हालात में पहले भी हो सकते हैं। गंभीर आर्थिक स्थिति और जल्द चुनाव होने की स्थिति में इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के लिए सत्ता की राह खुल सकती है। वह पहले भी लोकलुभावन वादों के साथ सत्ता में आई थी। अगर ऐसा हुआ तो खान और सेना के बीच मुखर विरोध शुरू हो सकता है। इससे संघर्ष और हिंसा बढ़ेगी और पाकिस्तान का आर्थिक संकट गहरा जाएगा।
रोक बेअसर: पाक एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में रहा, पर आतंकवाद पर नकेल नहीं कसी
रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण एशिया जिसमें भारत के अधिकांश पड़ोसी देश आते हैं, उनमें आतंकवाद को पालने वालों में अफगानिस्तान और पाकिस्तान ही हैं। दुनिया में आतंकियों के पनाहगार देशों में काेलंबिया, यमन, लेबनान, लीबिया, इराक, फिलीपींस, सूडान, क्यूबा आदि हैं।
पाक को 2018 में, 1998 के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत विशेष चिंता का देश (सीपीसी) नामित किया गया था। 2019, 2020 व 2021 में सीपीसी के रूप में नया स्वरूप दिया गया था। इसके अलावा आतंकी फंडिंग पर नजर रखने और कार्रवाई करने वाले एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में पाक को 2018 में रखा गया था, लेकिन उसने तय बिंदुओं के अनुसार कार्रवाई नहीं की।
तारीफ: भारत ने आतंकवाद रोकने के लिए कानून बदला, फंडिंग रोकी, सूचनाएं साझा कीं
अमेरिका की कंट्री रिपोर्ट्स ऑन टेररिज्म में कहा गया है कि भारत ने आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए सख्ती के साथ कार्रवाई की। 2021 में आतंकवाद ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर, पूर्वोत्तर राज्यों और मध्य भारत के कुछ हिस्सों को प्रभावित किया। भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कदम उठाए।
ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ दूसरे क्वाड काउंटर टेररिज्म टेबलटॉप अभ्यास की मेजबानी की। आतंकवाद की जांच से संबंधित अमेरिका के अनुरोध का भारत तुरंत जवाब देता है। इसके अलावा गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA), 1967 को 2019 में संशोधित किया था। कई देशों के साथ प्रत्यर्पण संधि भी की है, ताकि आतंकी दबोचे जा सकें।