
तमाम लोगों के विचार पढ़ रहा हूँ, लोग कह रहे हैं सरकार कुछ कर नहीं रही, समय पर सही निर्णय नहीं लिए जा रहे। हां थोड़ा बहुत आगे पीछे हो सकता है पर मैं यह मानने को तैयार नहीं हूं। पूरी जिम्मेदारी से मैं यह कह रहा हूँ कि सरकार, डॉक्टर्स कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे होंगे, क्योंकि “कोरोना” अमीर गरीब जाति धर्म को देखकर वार नहीं कर रहा ।
ये ब्रिटेन के प्रिंस को हो सकता है, प्रधानमंत्री को, हॉलीवुड सिंगर को, बालीवूड सिंगर कनिका को भी पकड़ सकता है। इसका मतलब बेचैनी सबके अंदर है। एफर्ट कम नहीं हो रहे होंगे, निश्चिंत रहें पर सतर्क भी। जल्द ही कुछ अच्छे रिजल्ट मिलेंगे। रही बात सड़कों पर भीड़ की तो जब सरकार विदेशों से भारतीयों को ला सकती है तो अपने देश में फसे लोगों को उनके घर क्यों नहीं पहुंचा सकती।
रही बात घर की ओर रुख कर रहे लोगों की तो उनके लिए सरकार भोजन और ठहरने का बंदोबस्त कर रही है, इसमे हमारी आपकी भी जिम्मेदारी है इनकी यथा संभव मदद करें। कुछ लोग कह रहे हैं कि इसे जरूरत से ज्यादा पैनिक बनाया जा रहा है जबकि इससे ज्यादा मौते भारत मे हार्ट अटैक , इंसेफ्लाइटिस, हैज़ा, नार्मल कोरोना से हो जाती हैं। इस बात से मैं इत्तेफाक रखता हूँ। क्योंकि सिर्फ हार्ट अटैक से भारत मे हर 32 सेकेंड में एक व्यक्ति की मौत होती है।
गोरखपुर और आस पास इंसेफ्लाइटिस का कहर भी हम हर साल देखते हैं। बावजूद इसके हमे कोरोना से डरने की जरूरत है क्योंकि इसकी कोई भी दवा अब तक नहीं बनी। साथ ही हम लगातार चीन, इटली, फ्रांस के हाल भी देख रहे हैं इसलिए ज्यादा मर्दानगी दिखाने की बजाय घर पर आज से शुरू हो रही रामायण देखें, घर की चौखट न लांघें। खुद बचें अपने परिवार को भी बचाएं।
सुयश मिश्रा
आर्य tv नेटवर्क
