जानिए एलन मस्क ने क्यों खरीदा ट्विटर, भारत ने बतायें ये मायने

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(www.arya-tv.com) ट्विटर को नए पंख मिल रहे हैं। विश्व के सर्वाधिक धनी व्यक्ति एलन मस्क के साथ इस इंटरनेट मीडिया मंच का सौदा तय हो गया है और यदि ट्विटर के शेयरधारकों और अमेरिकी एजेंसियों ने अनुमोदन कर दिया तो लगभग छह माह में प्रक्रिया पूरी हो सकती है। ऐसे में यह समझना जरूरी है कि आखिर इलेक्टिक वाहन और अंतरिक्ष विज्ञान के व्यापार के दिग्गज मस्क को ट्विटर खरीदने की क्या जरूरत आन पड़ी। क्या प्रभाव होगा इस सौदे का और भारत के संदर्भ में ट्विटर पर मस्क का स्वामित्व होने के क्या मायने हैं। 

ट्विटर की नीतियों और प्रक्रिया पर क्या प्रभाव होगा

विशेषज्ञ मान रहे हैं कि ट्विटर को पब्लिक कंपनी से प्राइवेट कंपनी बनाते ही मस्क का दखल बढ़ सकता है और वह कंपनी की नीतियों पर निर्णय कर सकते हैं। उनके मुखर व्यक्तित्व व व्यवहार को देखते हुए यह भी माना जा रहा है कि वह ट्विटर द्वारा पूर्व में लिए गए कुछ कड़े निर्णयों को बदल भी सकते हैं। चर्चा है कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से ट्विटर का प्रतिबंध हट सकता है।

हालांकि ट्रंप इससे इन्कार कर चुके हैं। फिलहाल अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने मस्क और ट्विटर के सौदे पर प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया है, लेकिन व्हाइट हाउस प्रवक्ता जेन साकी ने दोहराया है कि इंटरनेट मीडिया मंचों को उत्तरदायी बनाना चाहिए। कहा जा सकता है कि फ्री स्पीच के हिमायती मस्क के आने से ट्विटर पर आपत्तिनजक सामग्री, भ्रामक सूचना और आनलाइन शोषण से संबंधित विश्व के कई देशों में बन चुके या बन रहे प्रविधानों पर प्रभाव पड़ेगा।

क्या हैं मस्क की योजनाएं

मस्क ने कहा है कि मैं एल्गोरिद्म में बदलाव करके ट्विटर को पहले से बहुत बेहतर बनाना चाहता हूं। यह एल्गोरिद्म ओपन सोर्स होगा ताकि विश्वास बढ़े, स्पैम बोट कम हों और सभी इंसानों का प्रमाणीकरण किया जा सके।

क्या होता है स्पैम बोट: स्पैम बोट इंसान के बजाय मशीन से इंटरनेट मीडिया अकाउंट को संचालित कराने की प्रक्रिया है। इसके लाभ भी हैं और हानि भी। कई कंपनियां ग्राहकों के साथ त्वरित संवाद के लिए बोट (रोबोट समङों) का प्रयोग करती हैं, लेकिन ट्विटर जैसे मंच पर कई बार इनका प्रयोग स्पैमिंग, मंथन और उपयोगकर्ता की निजता को प्रभावित करने में भी किया जाता है।

भारत के लिए इस सौदे के क्या मायने हैं

इंटरनेट मीडिया कंपनियों के लिए भारत एक विशाल बाजार है और ट्विटर भी इसे बहुत अहमियत देता है। आंकड़ों के अनुसार जनवरी 2022 में भारत में ट्विटर के 2.4 करोड़ उपयोगकर्ता हैं। ट्विटर प्रयोग करने वालों की संख्या के मामले में भारत विश्व में तीसरे नंबर पर है, पहले पर अमेरिका (7.7 करोड़ और दूसरे पर जापान (5.8 करोड़) हैं। भारत ट्विटर के लिए महत्वपूर्ण बाजार है, लेकिन मस्क के आने के बाद कंपनी इस बाजार में कैसे पांव पसारेगी और क्या दिक्कतें आएंगी, यह देखना रोचक होगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि अभी ट्विटर के सीईओ भारतवंशी पराग अग्रवाल हैं, वह इस देश और यहां के लोगों को भलीभांति समझते हैं, लेकिन अब सब मस्क के हाथ में होगा तो उनके विचार अलग हो सकते हैं। एक और अहम बिंदु यह है कि भारत में इंटरनेट मीडिया के नियमों को लेकर ट्विटर का सरकार के साथ बीते वर्ष खासा विवाद रहा था और ट्विटर के तत्कालीन भारत प्रमुख मनीष माहेश्वरी की अदालत में पेशी की स्थिति भी बनी थी। मस्क का भारत सरकार के साथ टेस्ला कारों के आयात शुल्क को लेकर पहले से ही टकराव रहा है। चार माह पहले टेस्ला ने कहा था कि भारत में अपनी कारें लांच करने के लिए वह कई बाधाओं का सामना कर रही है।