अब इस खास योजना से होगा पराली का निस्तारण, ये है प्रशासन की नई प्लानिंग

# ## UP

(www.arya-tv.com) उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिला में पराली जलाए जाने की लगातार सामने आ रही घटनाओं के बाद अब पराली निस्तारण के लिए शासन स्तर से शाहजहांपुर की निगरानी की जा रही है. जिले में बड़े क्षेत्रफल में धान की खेती होती है, ऐसे में यहां पराली की समस्या भी उतनी ही बड़ी है, पिछले साल शाहजहांपुर में सबसे प्रदेशभर में सबसे ज्यादा पराली जलाए जाने की घटनाएं दर्ज की गई थी.

उपनिदेशक कृषि डॉक्टर धीरेंद्र सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि शाहजहांपुर में पराली निस्तारण एक बड़ी समस्या है. जिसको ध्यान में रखते हुए अब सरकार द्वारा शाहजहांपुर जिले के किसान उत्पादक संगठनों को पराली निस्तारण यंत्र अनुदान पर दिए जाने के लिए खास योजना लाई गई है. इस योजना में किसान उत्पादक संगठनों को पराली निस्तारण के लिए ट्रैक्टर सहित 8 यंत्र दिए जाने हैं. इसके अलावा संगठन से जुड़े तीन किसानों को भी पराली निस्तारण के लिए ट्रैक्टर, बेलर, रैकर और ट्राला दिया जाएगा.

एचपीसीएल से करना होगा अनुबंध
उपनिदेशक कृषि डॉक्टर धीरेंद्र सिंह ने बताया कि जिले के 15 किसान उत्पादक संगठनों को इस योजना से लाभान्वित किए जाने का लक्ष्य रखा गया है. इस योजना का लाभ वही किसान उत्पादक संगठन ले सकेंगे जिन्होंने एचपीसीएल कंपनी के साथ पराली निस्तारण के लिए अनुबंध किया होगा. दरअसल, एचसीएल कंपनी परली से कंप्रेस्ड बायोगैस बनाएगी, जिसे ईंधन के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा.

अनुदान पर मिलेंगे यंत्र
पराली निस्तारण के लिए मिलने वाले इन यंत्रों पर सरकार भारी अनुदान दे रही है. सरकार रोटावेटर, सुपरसीडर, रैकर, बेलर , ट्राला और मल्चर पर 80% का अनुदान दे रही है जबकि ट्रैक्टर पर 50% तक का अनुदान देने का प्रावधान है. डॉक्टर धीरेंद्र सिंह ने बताया कि यंत्रों पर मिलने वाले 80% अनुदान में 50% विभाग द्वारा दिया जा रहा है जबकि 30% यूपीनेडा द्वारा अनुदान दिया जाना है.

लोन की भी की जा रही मांग
डॉ धीरेंद्र सिंह का कहना है कि किसान उत्पादक संगठनों को कृषि यंत्र खरीदने में कोई परेशानी ना हो इसके लिए बैंकों से बात की जा रही है कि बैंक किसान उत्पादक संगठनों को लोन मुहैया कराएं. जिससे कि अधिक से अधिक किसान उत्पादक संगठन इन कृषि यंत्रों का लाभ ले सकें.