संपूर्णानंद संस्‍कृत विश्‍वविद्यालय में जानिए कितने अंग में होती है पढ़ाई ,अंकपत्र में त्रुटि संशोधन

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वाराणसी (www.arya-tv.com) संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से मध्यमा से लगायत आचार्य तक की शुल्क एक हजार रुपये से तीन हजार रुपये हैं। वहीं नाम, पिता के नाम में संशोधन कराने में विद्यार्थियों से बीस-बीस हजार रुपये तक अर्थदंड देना पड़ रहा है। इससे बड़ी विडंबना यह है कि अर्थदंड जमा करने के बाद भी संशोधन कराने के लिए छात्रों को महीने विश्वविद्यालय की दौड़ लगानी पड़ती है। बावजूद संशोधन की गारंटी नहीं रहती हैं।

 रिजल्ट घोषित होने के एक साल के भीतर अंकपत्रों व प्रमाणपत्रों में संशोधन कराने के लिए विश्वविद्यालय कोई शुल्क नहीं लेता है। एक साल के बाद विद्यार्थियों से प्रतिवर्ष 500 रुपये की दर से अर्थदंड वसूलने का प्रावधान है। अर्थदंड जमा करने के बाद विद्यार्थियों ने संशोधन के लिए आवेदन कराना पड़ता है।

परीक्षा समिति के अनुमोदन के बाद ही प्रमाणपत्रों में त्रुटि संशोधित की जाती है। ऐसे में अर्थदंड भरने के बाद भी संशोधन कराने के लिए विद्यार्थियों को परीक्षा समिति की स्वीकृतियों का एक-एक साल तक इंतजार करना पड़ता है। ओमकार नाथ पांडेय ने वर्ष 1981 में संबद्ध कालेज से पूर्व मध्यमा की परीक्षा उत्तीर्ण किए हैं। वहीं पिता के नाम में सारथी पांडेय के स्थान के पर सारथी नाथ पांडेय हो गया था। उस समय उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया। करीब 40 साल बाद उन्हें पिता का नाम शुुद्ध कराने की सुध आई।