मेरठ (www.arya-tv.com) कोरोना वैक्सीन लगनी शुरू भी नहीं हुई कि भारत के दर्जनों राज्यों में बर्ड फ्लू या एवियन फ्लू ने दस्तक दे दी है। जिसे लेकर कई राज्यों में अलर्ट घोषित कर दिया गया है। लेकिन क्या आपको पता है कि बर्ड फ्लू कोरोना वायरस से 20 गुना ज्यादा खतरनाक है। जो एक बार शरीर में घुस जाए तो इंसान के लिए बहुत ही ज्यादा घातक साबित हो सकता है। इसके बचाव के लिए सर्तकता ज्यादा जरुरी है, जैसे- कबूतरों और अन्य पक्षियों को कुछ दिनों तक दाना डालना बंद कर दें। यह वायरस मनुष्यों में एक दूसरे के बीच ज्यादा नहीं फैलता।
ऐसे में पक्षियों से बचना ज्यादा जरूरी है। यह वायरस आंख, नाक व मुंह से प्रवेश करते हैं। इसमें भी कोराना की तरह सांस फूलने, जुकाम, खांसी, कफ, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी, सिरदर्द व पेट दर्द के लक्षण उभरते हैं। लेकिन यह कोरोना से 20 गुना ज्यादा खतरनाक है। जो इंसान के लिए काफी दिक्कत पैदा कर सकता है। हालाकि अभी तक भारत में बर्ड फ्लू के एक भी मरीज नहीं मिले थे। लेकिन इससे सर्तक रहने से बचाव हो सकता है। प्रवासी पक्षियों से बचने को ज्यादा जरुरी है। बर्ड फ्लू का खतरा होने पर तुरंत डाक्टरों से संपर्क करना चाहिए। इससे भी जरुरी आपको इसके लक्षण के बारे में जारकारी होनी चाहिए। इस वायरस का पता पीसीआर टेस्ट से किया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक बर्ड फ्लू में मौत की दर ज्यादा है, ऐसे में लक्षणों पर नजर रखना ज्यादा आवश्यक है।
उबला अंडा या मीट को 70 डिग्री सेल्सियस पर पकाकर खाने से बर्ड फ्लू नहीं होता है। लेकिन सावधानी बरतने की जरूरत है। बर्ड फ्लू से घबराएं नहीं। हां, इन दिनों छत पर रखी टंकियों, रेलिंग, पिजड़ों को कीटनाशक से धोएं। पक्षियों के मल या पंख वाले कचरे को खुले हाथों से न छुएं। एच5एन1 से संक्रमित पक्षियों के पास दस दिनों तक न जाएं। इसके लार व मल के जरिए वायरस फैल सकता है।बर्ड फ्लू भी इन्फ्लुएंजा वायरस है। इसमें स्वाइन फ्लू और कोरोना जैसे लक्षण उभरते हैं। यह पक्षियों से पक्षियों में और पक्षियों से मनुष्यों में संक्रमित हो सकता है। यह इंसानों में आपस में नहीं फैलता है। लेकिन वायरस में बदलाव होने से सावधान रहने की जरूरत है। देश में फिलहाल किसी इंसान में संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है। हालांकि इससे मौत की दर ज्यादा है।