केजीएमयू का रेजिडेंट डॉक्टर निलंबित, जांच में दोषी करार, परिसर-हॉस्टल में प्रवेश पर भी रोक

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धर्मांतरण का दबाव डालने और महिला रेजिडेंट डॉक्टर के उत्पीड़न का आरोपी रेजीडेंट विशाखा समिति की जांच में दोषी पाया गया है। उसे निलंबत कर कर विश्वविद्यालय और हॉस्टल में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।
किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) की पश्चिम बंगाल निवासी महिला रेजिडेंट डॉक्टर को उत्तराखंड के खटीमा निवासी रेजिडेंट रमीज मलिक ने प्रेमजाल में फंसाया। शादी से पहले धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया। पीड़िता के पिता ने न्याय की गुहार लगाते हुए मुख्यमंत्री जन सुनवाई पोर्टल, राज्य महिला आयोग, केजीएमयू प्रशासन को शिकायत की। इस पर केजीएमयू प्रशासन ने सात सदस्यीय विशाखा समिति को जांच सौंपी।

समिति ने पीड़िता और आरोपी डॉक्टर के बयान दर्ज किए। देर रात तक जांच चली। उपलब्ध साक्ष्यों और बयानों के आधार पर समिति ने आरोपी को दोषी करार दिया। इसके बाद मंगलवार को डीन एकेडमिक्स डॉ. वीरेंद्र आतम ने निलंबन का आदेश जारी कर दिया। प्रवक्ता डॉ. केके सिंह ने बताया आरोपी के विवि परिसर और हॉस्टल में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। आरोपी के विरुद्ध रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई है। पुलिस ने भी अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है। केजीएमयू प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि महिला सुरक्षा, गरिमा और कानून व्यवस्था से जुड़े मामलों में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दोषी पाए जाने पर आगे और भी कठोर कार्रवाई की जा सकती है।

एबीवीपी कार्यकर्ताओं और डॉक्टरों में झड़प

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को केजीएमयू परिसर में आरोपी रेजिडेंट डॉक्टर के खिलाफ प्रदर्शन किया। कुलपति कार्यालय में प्रवेश को लेकर प्रदर्शनकारियों व डॉक्टरों व सुरक्षागार्डों में धक्का-मुक्की और झड़प तक हो गई। इसमें दो डॉक्टर मामूली रूप से चोटिल हो गए। दोपहर करीब 1:15 बजे एबीवीपी कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए केजीएमयू पहुंचे और कुलपति कार्यालय में घुसने का प्रयास किया। सुरक्षाकर्मियों ने और वहां पहुंचे डॉक्टरों ने प्रदर्शनकारियों को रोकने का प्रयास किया, लेकिन कार्यकर्ता अपनी मांगों पर अड़ गए। दोनों पक्षों में नोकझोंक के साथ धक्का-मुक्की होने लगी। एबीवीपी की महिला पदाधिकारियों ने सुरक्षा गार्ड पर धक्का मरने का आरोप लगाया। झड़प के कारण अफरा-तफरी का माहौल बन गया। सूचना पर डीन पैरामेडिकल डॉ. केके सिंह मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को समझाकर शांत कराया।

प्रदर्शनकारियों को वार्ता के लिए ब्राउन हॉल में बैठाया गया। वहां कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद, डीन डॉ. केके सिंह, चीफ प्रॉक्टर डॉ. आरएएस कुशवाहा और सीएमएस डॉ. बीके ओझा ने उनके मांगें सुनीं और कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया। प्रदर्शन में एबीवीपी के संगठन मंत्री पुष्पेंद्र वाजपेयी, महानगर मंत्री सरिता पांडेय सहित कुसुम, अमरजीत कौर, अभिषेक वाजपेयी, ओम तिवारी, युवराज जोशी, शांतुल शुक्ल, शुभम सिंह, क्रश अवस्थी आदि शामिल रहे।