पैरासिटिक ट्विन को हटाकर डॉक्टरों ने नवजात को दिया जीवनदान

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(www.arya-tv.com) KGMU  पीडियाट्रिक सर्जरी डिपार्टमेंट ने जटिल सर्जरी करके ढाई माह के नवजात को नया जीवन दिया है। नवजात की पीठ से जुड़ा पैरासिटिक ट्विन को हटाने के लिए चिकित्सकों ने जटिल ऑपेरशन किया। यह पैरासिटिक ट्विन यानी एक तरह का विकसित भ्रूण था, पर उसके मस्तिष्क नही था। सर्जन प्रो.जेडी रावत व उनकी टीम ने सर्जरी के जरिए उसे निकालने में कामयाबी हासिल की। सर्जरी के करीब 7 दिन बाद यानी मंगलवार को बच्चे को डिस्चार्ज कर दिया गया। डॉक्टर्स के मुताबिक अब बच्चे के विकास में किसी तरह की बाधा नहीं आएगी।

परजीवी बच्चे को जन्म दिया

पीडियाट्रिक सर्जरी डिपार्टमेंट के हेड प्रो.जेडी रावत के मुताबिक सीतापुर जिले के चिरासी गांव निवासी प्रीति ने अगस्त में बच्चे को जन्म दिया था। बच्चा की पीठ के निचले हिस्से पर अच्छी तरह से विकसित हाथ, पैर साथ परजीवी बच्चे को जन्म दिया था। जिसके बाद इसे परिजन KGMU लेकर पहुंचे।

पीठ पर जुड़ा हुआ था दूसरा बच्चा

डॉक्टरों ने उस समय को बच्चा बेहद कमजोर होने के कारण दवा देकर बाद में बुलाया था। इस बीच करीब 10 दिन पहले परिजन बच्चे को लेकर दोबारा दिखाने के लिए आएं। जो दूसरा बच्चा पीठ पर जुड़ा हुआ था, वो बच्चे की स्पाइनल कार्ड से जुड़ा हुआ था। बीते बुधवार यानी 3 नवंबर को को बच्चे की बहुत ही सावधानी के साथ जटिल सर्जरी करते हुए पैरासाइट ट्विन को हटाया गया। शरीर की बनावट ऐसी थी कि दोनों की नसे में आपस मे संपर्क हुआ था।

रेयर ऑपरेशन है

यह अपने आप में एक तरह से रेयर ऑपरेशन है। अनुमान के मुताबिक 5-10 लाख बच्चों में से महज एक में ऐसा होता है। जटिल ऑपरेशन करीब 3 घंटा चला। फिलहाल बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है और उसे डिस्चार्ज कर दिया गया है। ऑपरेशन टीम में डॉ. रावत के अलावा एनस्थेटिक डॉ. सतीश कुमार और नर्सिंग टीम से वंदना और अंजू भी शामिल रही।