(www.arya-tv.com) केरल की NIA कोर्ट ने प्रोफेसर का हाथ काटने के मामले में 3 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। मामले में बुधवार को 6 लोगों को दोषी करार दिया गया था। जस्टिस अनिल के भास्कर ने साजिल, नसर और नजीब को सजा सुनाई।
शेष तीन दोषियों- नौशाद, पी पी मोइदीन कुन्हू और अयूब को तीन साल की सजा सुनाई गई। इन्होंने दोषियों को शरण दी थी। दोषियों पर कुल 4 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया। यह पैसा पीड़ित को देने को कहा है।
कोर्ट ने हमले को आतंकी वारदात करार दिया और कहा यह देश के सेक्यूलर ताने-बाने को चुनौती है।
कोर्ट ने कहा कि साजिल ने हमले में हिस्सा लिया था। नसर मुख्य साजिशकर्ता था और नजीब ने आतंकी वारदात की योजना बनाई थी, लेकिन इसमें हिस्सा नहीं लिया।
साजिल को आतंकवादी वारदात करने और इसकी साजिश रचने, हत्या की कोशिश और विस्फोटकों के इस्तेमाल के अपराध के लिए 10-10 साल की सजा भी सुनाई गई।
नसर और नजीब को भी हत्या की कोशिश और विस्फोटकों के इस्तेमाल के अपराध के लिए 10-10 साल की सजा भी सुनाई गई है। सभी सजाएं साथ- साथ चलेंगी।
कोर्ट ने बुधवार को मामले में 11 में से पांच आरोपियों को बरी कर दिया था। हमले के पीड़ित प्रोफेसर टीजे जोसेफ ने कहा कि उनके मन में हमलावरों के प्रति कोई दुर्भावना नहीं है। क्योंकि वे केवल हथियार की तरह यूज किए गए।
13 को दोषी ठहराया गया
शुरुआत में केरल पुलिस ने 54 लोगों को आरोपी बनाया था। लेकिन अप्रैल 2011 में NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने जांच शुरू की। उसने चार्जशीट में 37 लोगों को आरोपी बनाया था। इनमें से 31 पर मुकदमा चला। मुख्य आरोपी सवाद सहित छह फरार हैं।
पहले चरण में 2015 में NIA कोर्ट ने इसी मामले में 13 लोगों को दोषी ठहराया था। शेष 18 को बरी कर दिया गया था।