(www.arya-tv.com)अंबेडकरनगर की कटेहरी विधानसभा सीट त्रिकोणीय लड़ाई में फंस गई है। इस सीट पर बीजेपी-निषाद पार्टी गठबंधन, सपा और बसपा में त्रिकोणीय लड़ाई मानी जा रही है। इस सीट को 2017 में बसपा के लालजी वर्मा ने जीता था, लेकिन इस बार वह दल-बदल कर सपा से चुनाव लड़ रहे हैं।
ऐसे में इस सीट से अबकी लालजी वर्मा की जीत की राह भी आसान नहीं है। इस सीट पर जहां लालजी वर्मा को अपनी सीट बचाने की चुनौती है तो वहीं अवधेश रनर से विनर बनने के लिए सारी ताकत झोंक रखे हैं। वहीं दूसरी तरफ पवन पांडेय अपने बेटे को राजनीति में स्थापित करने की पुरजोर कोशिश में लगे हैं।
पवन पांडेय के बेटे प्रतीक पांडेय प्रत्याशी हैं
कटेहरी सीट दिग्गज और बाहुबलियों का अखाड़ा बन गई है। इस सीट से बसपा से बाहुबली पूर्व विधायक पवन पांडेय के बेटे प्रतीक पांडेय प्रत्याशी हैं। प्रतीक की जीत के लिए पिता पवन पांडेय कटेहरी की गलियों की खाक छान रहे हैं। बेटे की जीत सुनिश्चित करने किए पवन पांडेय हर दांव खेल रहे हैं।
वहीं दूसरी तरफ पिछली बार बीजेपी से रनर रहे अवधेश द्विवेदी इस बार निषाद-बीजेपी गठबंधन से मजबूती से चुनाव लड़ रहे हैं। इनकी जीत सुनिश्चित करने के लिए बाहुबली अजय सिपाही डोर-टू-डोर कैंपेन कर वोट मांग रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ लालजी वर्मा भी अपनी सीट बचाने की जद्दोजहद कर रहे हैं।
2017 में बसपा ने जीती थी कटेहरी सीट
2017 के विधानसभा चुनाव में कटेहरी की सीट बीएसपी के खाते में गई थी। बीएसपी के लालजी वर्मा ने बीजेपी के अवधेश द्विवेदी को 6,300 मतों के अंतर से हराया था। हालांकि अबकी बार स्थिति एकदम उलट है। तीनों उम्मीदवार कांटे के मुकाबले में नेट-टू-नेट चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा, इस बात का फैसला 3 मार्च को मतदाता करेंगे।