(www.arya-tv.com) भगवान शिव का प्रिय महीना सावन का आज अंतिम दिन है। भक्तों की 4 किलोमीटर लंबी कतार लगी है। गंगा घाट दशाश्वमेध से लेकर गोदौलिया, चौक, मैदागिन और बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ के पट तक की सड़कें श्रद्धालुओं से पट गईं हैं। मंदिर तक जाने वाले रास्ते ही हवाओं में फूल, दूध, बेलपत्र और धूप की महक आ रही है।
सोमवार की भोर में मंगला आरती के बाद से ही भक्तों का हुजूम ज्योतिर्लिंग के दर्शन और जलाभिषेक को उमड़ पड़ा है। मंदिर के गर्भगृह में बाहर से झांकी दर्शन चल रहा है। प्रति सेकेंड 8-9 भक्त बाबा का जलाभिषेक कर रहे हैं।
वहीं, सड़कों पर लंबी-लंबी कतार में लगे भक्त बड़े लयबद्ध होकर हर-हर महादेव, नम: पार्वते पतये हर-हर महादेव और हर-हर शंभू का गान कर रहे हैं। श्रद्धालुओं के अंदर उत्साह भी दिख रहा है और सावन के अंतिम सोमवार को लेकर बाबा के प्रति अगाध श्रद्धा भी। मंदिर प्रशासन का अनुमान है कि आज देर रात तक मंदिर में 8 से 10 लाख शिवभक्त आ सकते हैं। अभी तक डेढ़ करोड़ से भी ज्यादा श्रद्धालु बाबा के दर्शन कर चुके हैं।
देश-विदेश के भक्तों पर होगी पुष्पवर्षा
बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर का आज रुद्राक्ष श्रृंगार होगा। बाबा के ज्योतिर्लिंग को 1 लाख रुद्राक्ष के दानों से सजाया जाएगा। बाबा विश्वनाथ और माता पार्वती की चल प्रतिमा का भी रुद्राक्ष श्रृंगार होगा। आज रात शयन आरती के बाद बाबा के इस भव्य रूप का दर्शन होगा। आज बाबा का अंतिम श्रृंगार है। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर आने वाले देश-विदेश के श्रद्धालुओं पर सुबह के 8 बजे पुष्पवर्षा की जाएगी। मंदिर के अधिकारी और स्टाफ रेड कार्पेट पर आए भक्तों पर भर-भर फूल बरसाएंगे।
अब तक हो चुके हैं 8 श्रृंगार
श्रावण माह में पिछले 7 सोमवार और 1 पूर्णिमा को मिलाकर श्री काशी विश्वनाथ धाम का कुल 8 श्रृंगार किया जा चुका है। बाबा विश्वनाथ की चल प्रतिमा, गौरी शंकर स्वरूप, अमृत वर्षा स्वरूप, पूर्णिमा श्रृंगार, भागीरथी स्वरूप ,तपस्यारत पार्वती स्वरूप शंकर पार्वती गणेश, अर्धनारीश्वर स्वरूप का श्रृंगार हो चुका है। श्रावण के अधिमाह में 31 अगस्त को बाबा का वार्षिक झूला श्रृंगार भी किया जाएगा।