दुर्गा पंडालों में दिखेगा कैंची धाम..कोलकाता के कारीगरों की ओर से शहर में पंडाल बनना शुरू

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शहर में दुर्गा पूजा की तैयारी शुरू हो गई है। पंडालों का सजना व दुर्गा प्रतिमाओं का बनने का काम भी तेज हो गया है। इस बार हर पंडाल में भक्तों को नया स्वरूप देखने को मिलेगा। खासबात यह है कि पंडालों की थीम में भक्तों को कोलाकाता के प्राचीन मंदिरों के दर्शन भी हो सकेंगे। इसके अलावा विश्व प्रसिद्ध कैंची धाम भी भक्त शहर में निहार सकेंगे। दुर्गा पंडालों में कई संदेश भी दिए जाएंगे। इन संदेश के अनुसार ही पंडालों में कई दिनों तक आयोजन भी होंगे।

शहर में 1942 से स्थापित साउथ कानपुर दुर्गा पूजा समिति अशोक नगर में इस बार प्राचीन मंदिर की थीम रखी गई है। पंडाल में भक्तों के प्रवेश करते हुए ऐसा प्रतीत होगा कि वे  कोलकाता के किसी पुराने दुर्गा मंदिर में दर्शन करने आ रहे हैं। पंडाल में इस बार लगभग 12 फुट की दुर्गा प्रतिमा की स्थापना होगी। आयोजकों की ओर से बताया गया कि पंडाल और दुर्गा प्रतिमा को बनाए जाने के लिए विशेष रूप से कोलकाता से कारीगर शहर आए हुए हैं। उधर इस बार पूजन पंडाल की थीम मातृ शक्ति, परोपकार व सेवा भाव रखी गई है। इसे लेकर पंडाल में होने वाले आयोजनों में भी इस थीम की झलक दिखाई देगी। साउथ कानपुर दुर्गा पूजा समिति अशोक नगर की ओर से इस बार रक्तदान शिविर, दवा वितरण किया जाएगा। इसके अलावा शहर के विभिन्न वृद्धाश्रमों से भी बुजुर्गों को पंडाल में बुलाकर उनका सम्मान व सेवा की जाएगी।

कैंची धाम का दृश्य

शहर में डीएवी लॉन में इस बार उत्तराखंड के कैंची धाम की थीम पर पंडाल सज रहा है। दुर्गा पूजा समिति के आयोजकों की ओर से बताया गया कि इससे पहले पंडाल को हमेशा महादेवी से जुड़े धार्मिक स्थलों की थीम पर सजाया जाता था। ऐसे में जब सभी धार्मिक स्थल पूरे हुए तो इस वर्ष बदलाव किया गया है। समिति के श्रीश्री सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति के सके्रट्री राजा बसु ने बताया कि पंडाल को शहर के ही कलाकारों की ओर से सजाया जा रहा है। पंडाल को देखने में भक्तों को कैंची धाम में प्रवेश करने का अनुभव होगा।

40 स्थानों में पूजन

शहर में इस बार 40 स्थानों में दुर्गा सार्वजनिक दुर्गा पूजा पंडाल के दर्शन होंगे। इनमें अशोक नगर, मोतीझील, अर्मापुर, डीएवी लॉन, सूटरगंज, मॉल रोड, एवी विद्यालय, शास्त्री नगर, चकेरी, लाल बंगला सहित अन्य स्थान प्रमुख हैं। सभी दुर्गा पुजा पंडालों में इस बार भक्तों को कुछ अलग दिखाने का प्रयास आयोजकों की ओर से किया जा रहा है।

कंधों पर करेंगी यात्रा

शहर मे दो दुर्गा पंडालों में भक्त अपने कंधों पर मां दुर्गा को यात्रा कराएंगे। इनमें एबी विद्यालय में स्थापित दुर्गा प्रतिमा को भक्त बिरहाना रोड से एबी विद्यालय तक लाएंगे। इसी तरह सूटरगंज में भी विसर्जन के दौरान भक्तों के कंधों पर बैठकर मां दुर्गा विसर्जन यात्रा में निकलेंगी। इन दोनो यात्राओं को देखने के लिए बड़ी संख्या में भक्त आते हैं।

शहर में दुर्गा पूजन की तैयारियां शुरू हो गई है। इस बार पंडालों में भक्तों को सबसे अधिक बगाल की संस्कृति के दर्शन होंगे। शहर में 12 फुट से 15 फुट तक की दुर्गा प्रतिमाएं पंडालों में स्थापित की जाएंगी। इसके अलावा तमाम आयोजनों के जरिए भी बंगाल की झलक शहरवासी देखेंगे-पुलक भट्टाचार्या

दुर्गा प्रतिमाओं के आगमन से ही पंडाल में उत्साह भर जाएगा। कई पंडालों में बार बांग्ला नाटक भी आयोजित किए जाएंगे। इन नाटकों में शहर के कलाकारों के साथ ही बंगाल के प्रसिद्ध कलाकार भी शामिल होने शहर आ रहे हैं। इन नाटकों में बंगाल की झलक और संस्कृति लोगों को दिखाई देगी।-देबांग बैनर्जी

शहर का बंगाली समाज पूरे साल मां दुर्गा के आगमन का इंतजार करता है। मां के आगमन से दस दिन पहले से ही घरों व पंडालों में उत्साह भरने लगता हैं। तैयारियों के बीच भी उत्साह जैसा माहौल रहता है। यह कह सकते हैं मां के आगमन से दस दिन पहले से ही त्याहार शुरू हो जाता है।-इंद्रजीत मुखर्जी

दुर्गा आगमन की तैयारी एक दिन की नहीं बल्कि पूरे सालभर की होती है। यही वजह है कि मां के आगमन से विसर्जन के दिन तक पंडालों में उत्साह रहता है। कोई कोर कसर पंडाल मे छोड़ी नहीं जाती है। समाज के सभी लोग जो पूरे साल नहीं मिलते उनसे पंडालों में मुलाकात हो जाती है।-सत्यजीत मुखर्जी

40 स्थानों में दुर्गा पंडाल इस बार सजेंगे
15 फुट तक ऊंची हो सकेगी मां की प्रतिमा
2 स्थानों पर कंधों पर निकलेगी मां की यात्रा
10 स्थानों पर 50 साल पुरानी दुर्गा पूजा कमेटी