झारखंड के चाईबासा बाल संप्रेक्षण गृह का ताला तोड़ 21 नाबालिग फरार, अफसरों के उड़े होश

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झारखंड के चाईबासा के बाल सुधार सम्प्रेषण गृह को तोड़कर मंगवालर (1 अप्रैल) को 21 बाल कैदी फरार हो गए. यह घटना उस समय हुई जबकि कोल्हान डीआईजी और कमिश्नर का कार्यालय बाल सुधार गृह से सिर्फ 13 मिनट की दूरी पर है. इस घटना के बाद से अफसरों में हड़कंप की स्थिति है.

चाईबासा के अफसरों के लिए राहत देने वाली बात सिर्फ यह है कि फरार हुए 21 में 4 बाल कैदी मंगलवार देर रात बाल सुधार गृह लौट आए. इनमें से तीन बाल कैदियों को घर पहुंचने पर उनके परिजनों ने समझाकर वापस बाल सुधार गृह पहुंचा गए. जबकि एक अन्य बाल कैदी को ग्रामीणों ने पकड़कर पुलिस को सपुर्द कर दिया.

अब 17 बाल कैदियों की तलाश 

बाल सुधार ​गृह लौटे चारो बच्चों को सम्प्रेषण गृह लाकर फिर से बंदी बना दिया गया. अभी 17 फरार बाल बंदियों की तलाश में चाईबासा पुलिस जुटी है.

क्या है पूरा मामला?

झारखंड के चाईबासा के बाल संप्रेक्षण गृह से लगभग 21 बाल बंदियों के फरार होने की यह घटना मंगलवार शाम 5 बजे की है. बाल सुधार गृह प्रशासन से नाराज बाल बंदियों ने पहले सुधार गृह के अंदर के दरवाजे को नुकसान पहुंचाया. उसके बाद वहां पर रखे सामानों को तोड़फोड़ करते हुए सीसीटीवी कैमरे को भी नुकसान पहुंचा दिया. बाहर के मुख्य दरवाजे को भी धक्का देकर डैमेज कर दिया और वहां से फरार हो गए.

पुलिस प्रशासन पर उठे सवाल 

फिलहाल सदर अनुमंडल पुलिस और सामान्य प्रशासन के पदाधिकारी दलबल के साथ बाल संरक्षण गृह से बाल कैदियों की फरारी मामले की छानबीन कर रहे हैं.

कोल्हान डीआईजी मनोज रतन चौथ के अधीन चाईबासा पुलिस अधीक्षक, जमशेदपुर पुलिस अधीक्षक एवं सरायकेला पुलिस अधीक्षक के जिले आते हैं, जहां हजारों की संख्या में पुलिस बल की जिम्मेदारी डीआईजी की है. इसके बावजूद चंद मिनट की दूरी में मौजूद बाल कैदियों का सारे श्याम जेल तोड़कर भाग जाना पुलिसिया मुस्तैदी पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है.

2014 में भी हुई थी जेल ब्रेक की घटना

बता दें कि चाईबासा जिला ब्रेक कांड कोई पहली घटना नहीं है. इससे पहले 2014 और उसके पूर्व कुछ कैदियों की जेल में मौत भी हुई थी. लगभग 10 कैदी जेल से फरार हो गए थे.