(www.arya-tv.com) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी दौरे के बाद US प्रेसिडेंट जो बाइडेन ने ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा- अमेरिका और भारत के बीच दोस्ती दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण और खास दोस्ती में से एक है। ये अब और ज्यादा मजबूत हो गई है।
इसके जवाब में PM मोदी ने कहा- अमेरिकी राष्ट्रपति की बात से सहमत हूं। वैश्विक भलाई के लिए हमारी दोस्ती अहम है। इससे हमारा प्लैनेट बेहतर और सस्टेनेबल बनेगा।
दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी 20 जून को 4 दिवसीय दौरे पर अमेरिका पहुंचे थे। 23 जून तक वो राष्ट्रपति बाइडेन के साथ कई कार्यक्रमों में शामिल हुए। मोदी की वापसी के बाद बाइडेन ने एक वीडियो शेयर करते हुए दोनों देशों के मजबूत रिश्तों और दोस्ती को लेकर ट्वीट किया। इस वीडियो में PM मोदी की विजिट से जुड़े शॉट्स हैं।
रेड कार्पेट वैल्कम मिला था
भारतीय समय के मुताबिक, 20 जून को रात करीब 10 बजे मोदी अमेरिका पहुंचे थे। उस समय अमेरिका में दोपहर के साढ़े 12 बजे थे। जॉन एफ केनेडी एयरपोर्ट उन्हें रेड कार्पेट वेलकम मिला था। प्रधानमंत्री वहां मौजूद भारतीय मूल के लोगों से भी मिले थे।
इसके बाद एयरपोर्ट से प्रधानमंत्री होटल लॉटे न्यूयॉर्क पैलेस पहुंचे थे। यहां उन्होंने टेस्ला के को-फाउंडर और ट्विटर ओनर एलन मस्क समेत नोबेल विजेता, इकोनॉमिस्ट, आर्टिस्ट, साइंटिस्ट, स्कॉलर जैसी 24 पर्सनालिटीज से मुलाकात की थी
।मोदी ने बाइडेन को दिए थे दस दानम
अमेरिका दौरे के दूसरे दिन बुधवार (21 जून) को रात करीब 9 बजे (अमेरिकी समय के मुताबिक) मोदी व्हाइट हाउस पहुंचे थे। यहां PM मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को ‘दस दानम’ दिया था। भारत में परम्परा है कि पूर्णिमा के एक हजार चांद देखने वाले को ये दान दिया जाता है। कैलेंडर कैलकुलेशन के मुताबिक किसी भी व्यक्ति की उम्र 80 साल 8 महीने होने पर वह एक हजार फुल मून देख चुका होता है। बाइडेन लगभग इसी उम्र के हैं। नवंबर में वे अपना 81वां जन्मदिन मनाएंगे।
PM ने ट्विटर पर गिफ्ट की तस्वीर साझा की थी
PM मोदी ने ट्विटर पर गिफ्ट की तस्वीर साझा करते हुए लिखा था- भविष्य AI का है, चाहे वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हो या अमेरिका-भारत। जब हम एक साथ मिलकर काम करते हैं तो हमारे राष्ट्र मजबूत होते हैं। साथ ही पूरी दुनिया को फायदा पहुंचता है।
PM मोदी के दौरे की डिप्लोमैटिक और स्ट्रैटेजिक अहमियत
- भारत और अमेरिका के बीच 2022-2023 में बाइलेट्र्ल ट्रेड 128 बिलियन डॉलर पार कर चुका है। यानी इस दौरान भारत और अमेरिका ने 10 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का व्यापार किया। अमेरिका के साथ भारत का ट्रेड सरप्लस है। यानी भारत अमेरिका को ज्यादा सामान बेचता है और वहां से कम सामान खरीदता है। भारत इसे बरकरार रखना चाहता है।
- चीन के मुद्दे को लेकर भारत और अमेरिका की चिंता लगभग एक जैसी हैं। जहां भारत LAC और हिंद महासागर में चीन की दखलंदाजी का विरोध करता है, वहीं अमेरिका भी ताइवान और साउथ चाइना सी में चीन की घुसपैठ की कोशिशों का विरोध करता है। ऐसे में चीन से निपटने के लिए दोनों देशों को एक-दूसरे के साथ की जरूरत है।