(www.arya-tv.com) आतंकी ग्रुप ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के संघ नेताओं को धमकी दी है। रेजिस्टेंस फ्रंट ने 30 लीडर्स के नामों की लिस्ट जारी की है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक फ्रंट ने कहा है कि हम इन नेताओं का खून बहाएंगे।
आतंकी ग्रुप की यह धमकी संघ प्रमुख मोहन भागवत के 1 अप्रैल को दिए गए बयान के बाद आई है। भागवत ने कहा था- आजादी के 7 दशकों बाद भी पाकिस्तान खुश नहीं है। उसे अब यह भरोसा हो गया है कि बंटवारा एक भूल थी। अखंड भारत एक सच था और बंटा हुआ भारत एक बुरा सपना।
भागवत ने कहा था- जो भारत से अलग हुए, क्या वो खुश हैं?
भागवत ने कहा था कि अखंड भारत यानी अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, म्यांमार, नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका और तिब्बत यह एक साथ थे। बंटा हुआ भारत बुरा सपना है। ये 1947 के पहले का भारत था। जो लोग जिद के चलते भारत से अलग हुए, क्या वे खुश हैं? वहां आज दर्द है। भारत में खुशी है।
लश्कर की एक शाखा है रेजिस्टेंस फ्रंट, 2020 से ज्यादा एक्टिव
जम्मू-कश्मीर में एक्टिव रेजिस्टेंस फ्रंट लश्कर-ए-तैयबा की ही एक शाखा है। यह फ्रंट जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के खिलाफ ऑनलाइन कैंपेन भी चलाता है। कुछ रिपोर्ट्स में पुलिस के हवाले से बताया गया कि कराची से इस ऑनलाइन कैंपेन के 6 महीने बाद ही इस फ्रंट ने जमीन पर अपना संगठन तैयार किया। यह तहरीक-ए-मिल्लत इस्लामिया और गजनवी हिंद जैसे दूसरे संगठनों जैसा है।
इस संगठन ने जम्मू-कश्मीर में हमलों की जिम्मेदारी 2020 के बाद लेना शुरू किया। फ्रंट का पता तब चला, जब इससे जुड़े लोगों को सोपोर से अरेस्ट किया गया। यहां कभी लश्कर, जैश और हिज्बुल का काफी प्रभाव था। गिरफ्तार हुए आतंकियों ने बताया था कि वो नए संगठन के लिए रिक्रूटमेंट कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बताया था कि 2022 में मारे गए ज्यादातर आतंकवादी रेजिस्टेंस फ्रंट या फिर लश्कर के थे। इनकी संख्या 108 थी। मारे गए जैश के आतंकियों की संख्या 35 थी।