(www.arya-tv.com)दक्षिण कश्मीर में जमात-ए-इस्लामी जम्मू-कश्मीर से जुड़े शैक्षणिक संस्थानों पर टेरर मॉनिटरिंग ग्रुप की पैनी निगाह है। संस्था पर प्रतिबंध के बावजूद जमात से जुड़े स्कूल, मदरसे अलग-अलग नामों से संचालित हो रहे हैं। खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक करीब तीन लाख बच्चे इन संस्थानों में पढ़ते हैं। रिपोर्ट के आधार पर कहा जा रहा है कि इन बच्चों में व्यवस्था के खिलाफ जहर भरकर जिहाद के बारे में बताया जाता है। अब इनकी जड़ काटने की तैयारी है।
एक अधिकारी ने कहा आतंकी एक दिन में नहीं बनता, उसकी प्रक्रिया है। यही प्रक्रिया जमात से जुड़े संस्थानों में अपनाई जा रही है। विचारधारा के नाम पर बच्चों के दिमाग मे जहर भरा जा रहा है। टेरर मॉनिटरिंग ग्रुप-टीएमजी कोशिश कर रहा है कि इसकी जड़ पर प्रहार किया जाए। टेरर मॉनिटरिंग ग्रुप आतंक के वित्तीय स्रोत और उसे बढ़ावा देने वाले लोगों और संस्थाओं को चिह्नित कर कार्रवाई कर रहा है।
मदद की आड़ में आतंकवाद को बढ़ावा
एक अधिकारी ने कहा कि जमात-ए-इस्लामी जैसी संस्थाएं शिक्षा और लोगों की मदद करने जैसे काम की आड़ में आतंकवाद की फंडिंग और उसको बढ़ाने का काम करती हैं। प्रशासन की कोशिश है कि आधुनिक शिक्षा के लिए स्थानीय समुदाय को प्रेरित किया जाए।
बंद की जा रही आतंक की पाठशाला
आतंकियों पर नकेल कसने के सिलसिले में सरकार ने स्थानीय संगठनों की तरफ से चलाए जा रहे कई स्कूलों को भी बंद करना शुरू कर दिया है। एक साल से ये कवायद चल रही है, लेकिन नए नाम से जमात के अंडरग्राउंड कार्यकर्ता संस्थान संचालित करते हैं। पिछले साल राज्य प्रशासन ने ‘फलाह-ए-आम ट्रस्ट’ से जुड़े कई स्कूलों को नोटिस जारी किया और बंद करने का आदेश दिया था। उल्लेखनीय है कि एफएटी पहले जमात-ए-इस्लामी का ही हिस्सा हुआ करता था लेकिन बाद में दोनों अलग हो गए।