बाइडेन बोले- इजराइल की सुरक्षा को लेकर भी हमारी प्रतिबद्धता में बदलाव नहीं

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(www.arya-tv.com)इजराइल और फिलिस्तीन के बीच जारी जंग आखिरकार खत्म हो गई। 11 दिन के भीषण संघर्ष के बाद इजराइल और हमास के बीच सीजफायर पर राजी हुए। मामले में अहम भूमिका निभाने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शुक्रवार को कहा कि इजराइल की सुरक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता में कोई बदलाव नहीं आया है। हामारी पार्टी साफतौर पर बेंजामिन नेतन्याहू के साथ खड़ी है। सीजफायर एक अच्छी पहल है। फिलहाल हमें समस्या का समाधान खोजने की जरूरत है, ताकि भविष्य में इन हालात से बचा जा सके। समाधान ही वह तरीका है, जिससे जंग को टाला जा सकता है।

नेतन्याहू पर पूरा भरोसा जताया
अपनी डेमोक्रेटिक पार्टी के कई सांसदों की स्थिति और उनकी प्रतिबद्धता के बदलाव के बारे में किए एक सवाल के जवाब में बाइडेन ने कहा कि कोई बदलाव नहीं, बिल्कुल नहीं। मैं आपको बताता हूं कि इसमें क्या बदलाव है? बदलाव यह है कि हमें अभी भी दो-राज्य के बीच समाधान खोजने की आवश्यकता है, यही एकमात्र जवाब है। बाइडेन ने कहा कि मैं प्रार्थना कर रहा हूं कि यह संघर्ष विराम कायम रहेगा। मैं मानता हूं कि नेतन्याहू जब भी मुझसे कोई वादा करते हैं, तो वह उसे निभाते हैं।

अब तक 243 की मौत
जंग में अब तक 243 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। सबसे ज्यादा जान-ओ-माल का नुकसान गाजा पट्टी में हुआ है। यहां करीब 220 लोगों की मौत हुई। यहीं से हमास अब तक इजराइल पर रॉकेट हमले करता रहा है।

11 लाख लोगों के पास पानी, बिजली जैसी सुविधाएं नहीं

  1. इजराइल और फिलिस्तीन के बीच 11 दिनों तक चले संघर्ष का नतीजा यह निकला कि गाजा के 11 लाख लोगों के पास पीने का पानी, बिजली और टॉयलेट जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं। बिजली सप्लाई चेन ध्वस्त हो चुकी है। इसले अलावा ज्यादातर स्कूल भी ध्वस्त हैं या बमबारी की वजह से बंद हो चुके हैं।
  2. करीब 6 लाख बच्चे शिक्षा से वंचित हैं और घरों में कैद हैं। गाजा को गाजा पट्टी कहते ही इसलिए है, क्योंकि वह जमीन का एक छोटा टुकड़ा भर है। कुल मिलाकर यह 40 किमी लंबी और 8-10 किमी चौड़ा है। इसकी आबादी करीब 20 लाख है और जनसंख्या घनत्व लंदन, शंघाई जैसे शहरों से भी ज्यादा है।

हमास की 55 हजार की मिसाइल का जवाब 80 लाख रुपए वाली मिसाइल से

  1. हमास ने 11 दिन में इजरायल पर 4 हजार मिसाइलें दागीं। इनमें हर एक मिसाइल की कीमत 22 से 55 हजार रुपए के बीच है। वहीं इजरायल ने हमास की इन मिसाइलों का जवाब 40 से 80 लाख रु. वाली मिसाइल से दिया।
  2. मिसाइल एक्सपर्ट्स बताते हैं कि हमास सबसे ज्यादा कसाम रॉकेट का इस्तेमाल करता है, जिसे वह एक साथ दागता है। इजरायल इन हमलों से निपटने के लिए आयरन डोम सिस्टम का इस्तेमाल करता है। इससे मिसाइलें खुद उड़कर रॉकेट नष्ट करती हैं। फिश इंस्टीट्यूट में स्पेस रिसर्च सेंटर के पूर्व अध्यक्ष ताल इनबर के मुताबिक, इससे इजरायल का हर दिन करोड़ों रुपए का नुकसान होता है।