मेडिकल इनोवेशन में तेजी:मेडिकल इनोवेशन कंपनियों में 58 हजार करोड़ रुपए का निवेश

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(www.arya-tv.com)कोरोना वायरस महामारी ने स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांतिकारी बदलाव किया है। अनूठी एमआरएन टेक्नोलॉजी से वैक्सीन बनाई जा रही है। वीडियो कॉल्स और वायस ट्रांसक्रिप्शन सॉफ्टवेयर का उपयोग तेजी से बढ़ा है। मशीनों का रखरखाव रिमोट से किया जा रहा है। दिल के दौरे से प्रभावित मरीजों की डॉक्टर डिजिटल मॉनिटरिंग करने लगे हैं। इसके साथ मेडिकल इनोवेशन में वेंचर कैपिटल में जबर्दस्त उछाल आया है। पिछली तिमाही में इस क्षेत्र में 58 हजार करोड़ रुपए से अधिक का निवेश हुआ है। यह पिछले साल के मुकाबले दोगुना है। चीनी डिजिटल मेडिसिन कंपनी जेडी हेल्थ अभी हाल में हांगकांग शेयर बाजार में उतरी है।

स्वास्थ्य के क्षेत्र में और अधिक आविष्कारों और खोज की जरूरत है। स्वास्थ्य सुविधाओं पर गरीब देशों में जीडीपी का 5%, अमीर देशों में 9 % और अमेरिका में 17 % खर्च होता है। इस इंडस्ट्री में 20 करोड़ से अधिक लोग काम कर रहे हैं। यह 22 लाख करोड़ रुपए से अधिक मुनाफा कमाती है। जोखिम अधिक होने के कारण इंडस्ट्री में बदलाव नहीं हो रहे हैं।

महामारी ने दर्शाया है कि मेडिकल सेवाओं में सुधार की गुंजाइश है। रिमोट मेडिकल कंसल्टिंग और मॉनिटरिंग से खर्च कम हो सकता है। स्वास्थ्य सेवाओं तक अधिक लोगों की पहुंच संभव है। अमेरिकी कंपनी मेयो क्लीनिक पर रिमोट संपर्क महामारी से पहले के 4% से बढ़कर 85 % हो गया है। पाकिस्तानी कंपनी सेहत कहानी ने गरीबों का इलाज करने में महिला रिमोट डॉक्टरों की मदद की है। महामारी के शिखर समय में चीनी पोर्टल पिंगएन गुड डॉक्टर से एक अरब दस करोड़ लोगों ने संपर्क किया।

ऑनलाइन दवा उपलब्ध कराने की सेवाओं में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। 17 नवंबर को अमेजन ने इस क्षेत्र में उतरने का एलान किया है। डेटा पर आधारित डायग्नोसिस बढ़ने से विशेषज्ञों को सुविधा होगी। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के उपयोग से दवाइयों की खोज में मदद मिलेगी। अभी हाल में एआई लेबोरेटरी डीप माइंड ने प्रोटीन के विश्लेषण में नई खोज की है। जर्मनी और चीन ने ऑनलाइन मेडिकल सेवाओं के पैसे का भुगतान करने के लिए नए कानून बनाए हैं।

44 लाख करोड़ रु. की इंडस्ट्री

हेल्थ एप स्टार्टअप,बीमा कंपनियों, दवा कंपनियों और अमेजन,एपल गूगल जैसी टेक्नोलॉजी कंपनियां डिजिटल स्वास्थ्य सेवाएं देने लगी हैं। मेकिंसे का अनुमान है टेलीमेडिसिन, ऑनलाइन दवाइयों की सप्लाई, पहने जाने वाले डिवाइस का कारोबार पिछले साल के 25 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 2024 में 44 लाख करोड़ रुपए हो जाएगा। अमेिरका, चीन और यूरोप में स्वास्थ्य सेवाएं डिजिटल हो रही हैं। डिजिटल हेल्थ इंडस्ट्री की अनलिस्टेड कंपनियों का कुल मूल्य 8 लाख करोड़ रुपए से अधिक है।