तेंदुए के हमले में घायल हुए पूर्व प्रधान के घर शुक्रवार को वन विभाग की टीम बिना इजाजत घर में प्रवेश कर गई। जिससे नाराज परिजनों ने विरोध कर हंगामा कर दिया। वन विभाग के अधिकारियों को खरी खोटी सुनाई। उसके बाद लोगों से जानकारी हासिल की।
मंगलवार की रात में बिजारखाता में निवासी जफर अली के घर में घुसकर तेंदुए ने हमला करके घायल कर दिया था। घायल का मरहम पट्टी करने के बाद स्थानीय अस्पताल में इलाज कराया गया था। सूचना के बाद भी वन विभाग की टीम ने तेंदुए के पदचिन्ह तलाशने की कोशिश नहीं की, जिससे ग्रामीणों में नाराजगी बढ़ गई थी। शुक्रवार दोपहर वन विभाग की टीम पूर्व उपप्रधान के घर पहुंची। जंगली जानवर होने का बहाना बनाकर परिजनों पर लिखवाने के लिए दबाव बनाने लगे, जिसे पूर्व प्रधान के पुत्र ने विरोध जताया।
बिना आवाज दिए घर में घुसने का भी जमकर विरोध किया। खरी खोटी सुनाई। इस दौरान घायल पूर्व उप-प्रधान घर पर मौजूद नहीं थे। कुछ देर बाद पीड़ित जब घर पहुंचे तो उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को आपबीती सुनाई। वन रेंजर सुरेश चंद जोशी ने मामले में लीपा-पोती करने के लिए यह लिखवाकर लिया कि किसी जंगली जानवर ने रात के अंधेरे में हमला किया है। जिसकी तेंदुए के तौर पर शिनाख्त नहीं हो पाई है।
वन दरोगा कुलवीर सिंह को भी विरोध का सामना करना पड़ा। उन्हें भी गांव के लोगों ने खरी खोटी सुनाई। मोहल्ले के ही राहत जान, नबी जान, शफीक अहमद, रईस अहमद ने आरोप लगाया कि वन विभाग ने पदचिह्न तलाशने की कोशिश नहीं की और मामले की लीपापोती करने में जुट गया है। उधर वन रेंजर सुरेश जोशी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
